हरिहरक्षेत्र मेला के लकड़ी बाजार में फर्नीचर खरीददारों की उमड़ रही भीड़

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला के सरकारी स्तर पर समापन के दो दिन बाद भी लकड़ी बाजार में फर्नीचर के सामानों के खरीदारों की अप्रत्याशित भीड़ उमड़ रही है।

जानकारी के अनुसार मेला में स्थित लकड़ी बाजार में एक से बढ़कर एक काष्ठ से निर्मित सामानों की बिक्री हो रही हैं। जिसमें पलंग, सोफा, चौकी, बेंच, कुर्सी, टेबल, शो-केस, आलमीरा, अलना, बेलन आदि शामिल है।

बताया जाता है कि इसी बाजार के किनारे लौह एवं स्टील निर्मित सामानों की भी एक दर्जन से अधिक दुकानें सजी है। यहां भी खरीददारों की कोई कमी नहीं देखी जा रही है।

बताया जाता है कि इस लकड़ी बाजार मेले में उपरोक्त सामानों के अतिरिक्त लकड़ी का पीढ़ा, पीढ़ी, स्टूल, टेबुल, बेंत, खड़ाऊं, काठ की चट्टी, लकड़ी का पालना, लाठी, छड़ी आदि की भी बिक्री हो रही है। सभी सामग्री एक से बढ़कर एक हैं। लकड़ी बाजार में कई दुकानदारों ने अपनी दुकान सजा रखी है।

सदाबहार और बारहमासी बाजार के नाम से मशहूर लकड़ी बाजार मेले की समाप्ति के बाद भी खरीद बिक्री का एक बड़ा बाजार बना हुआ है। इस बाजार में 18 हजार से 45 हजार मूल्य तक के पलंग बिक्री के लिए मौजूद हैं।

सोफा की कीमत 11 हजार से 28 हजार तक है। किसी किसी के पास 32 हजार वाला सोफा भी मौजूद है। विशेषकर, शादी विवाह लग्न के मौके पर यहां भारी बिक्री होती है। लकड़ी के चौकी, बेलना, उखल, मूसल की भी बिक्री हो रही है। लकड़ी का रैक और आलमारी भी मौजूद है।

इस बाजार की खासियत है कि यहीं एक जगह पर सुई से लेकर तलवार तक की बिक्री हो रही है। लोहे का उखल और मूसल, तवा, कराहा और कड़ाही, पलटा, लोहे का कांटा, कुदाल, खुरपी, हंसुआ, रम्मा, खंती सहित घरेलू और कृषि उपयोग की सभी वस्तुएं इस बाजार में बिक रही है और खरीददारों की भीड़ जुटी है। स्टील बर्तनों का बाजार भी इसी लकड़ी बाजार मार्ग में है। बड़े और छोटे ट्रंक, आलमीरा और बर्तनों का बाजार गर्म है।

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