सीएए के खिलाफ भाकपा माले का समस्तीपुर में विरोध मार्च

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया सीएए कानून को असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण एवं विभाजनकारी बताते हुए भाकपा माले, आइसा, ऐपवा एवं आरवाईए के कार्यकर्ताओं ने देशव्यापी प्रतिवाद कार्यक्रम के तहत 14 मार्च को समस्तीपुर में विरोध मार्च निकाला।

विरोध मार्च शहर के मालगोदाम चौक से निकलकर बाजार भ्रमण के बाद स्टेशन चौराहा पहुंचकर गांधी स्थल पर सभा में तब्दील हो गया।
आयोजित सभा को संबोधित करते हुए माले जिला सचिव उमेश कुमार ने कहा कि भेदभावकारी, विभाजनकारी व् अन्यायपूर्ण नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने वाली नियमावली की अधिसूचना 2024 के चुनाव अधिसूचना आने से ठीक पहले जारी करना राजनीतिक साजिश का संकेत है।

उन्होंने कहा कि सीएए नागरिकों को धर्म के आधार पर बांटने के मकसद से लाया गया है, जो भ्रामक रूप से गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने और मुसलमानों की नागरिकता छीनने की बात करता है।

कहा कि असम में की गयी एनआरसी की कवायद और देश में जगह-जगह चलाये जा रहे बुलडोजर ध्वस्तीकरण अभियानों से स्पष्ट हो चुका है कि आदिवासियों और वनवासियों समेत सभी समुदायों के गरीब इससे प्रभावित होंगे। देश का लोकतांत्रिक अभिमत और समान नागरिकता एवं संवैधानिक अधिकार आन्दोलन ने सीएए- एनआरसी के पूरे पैकेज को संविधान पर हमला बता कर खारिज कर दिया है।

माले नेता ने कहा कि चुनाव से पहले सीएए नियमावली की अधिसूचना ने लोकतंत्र के संवैधानिक आधार को बचाने के जनआन्दोलन की अनिवार्यता को पुन: रेखांकित किया है। मोदी सरकार को आगामी आम चुनावों में सत्ताच्युत करना जरूरी हो गया है।

माले राज्य सदस्य बंदना सिंह ने कहा कि हम अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत समाज के सभी तबकों से एमएसपी के कानूनी अधिकार के लिए लड़ रहे किसानों, श्रम अधिकारों के लिए लड़ने वाला मजदूर वर्ग, पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए संघर्षरत सरकारी कर्मचारियों, सुरक्षित रोजगार की मांग कर रहे युवाओं, आजादी, सुरक्षा और समान अधिकारों के लिए संघर्षरत महिलाओं, जातीय जनगणना व विस्तारित आरक्षण की मांग कर रहे वंचित, आदि।

क्षेत्रीय पहचान और संघीय लोकतंत्र की संवैधानिक गारंटी की जद्दोजहद में जुटीं राष्ट्रीयताओं-से अपील करते हैं कि वे भेदभावपूर्ण और विभाजनकारी सीएए के विरुद्ध समान नागरिकता आन्दोलन का साथ दें। उन्होंने कहा कि हमें एकजुट रहना होगा, ताकि जनता को बांटने, व आगामी चुनावों में फासिस्ट ताकतों को शिकस्त देने के मिशन से जनता का ध्यान हटाने की मोदी सरकार और भाजपा की साजिश नाकामयाब हो सके।

सभा को माले जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह, जिला कमिटी सदस्य अनील चौधरी, गंगा प्रसाद पासवान, राज कुमार चौधरी, आइसा के लोकेश राज, मो. फरमान, मो. फैयाज, उदय कुमार, राजू झा, विशाल कुमार, मो. साकिब, आरवाईए के आसिफ होदा, नौशाद तौहीदी, विश्वनाथ गुप्ता, इंसाफ मंच के डॉ खुर्शीद खैर, द्रख्शा जबी आदि ने भी संबोधित किया।

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