एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर नगर निगम क्षेत्र में भाकपा-माले एवं ट्रेड यूनियन ऐक्टू के कामकाज को व्यवस्थित करने को लेकर 15 नवंबर को शहर के मालगोदाम चौक स्थित जिला कार्यालय में जिला कमिटी सदस्यों की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला सचिव उमेश कुमार ने की। पर्यवेक्षण पोलिट ब्यूरो सदस्य कॉमरेड धीरेंद्र झा ने किया।
इस अवसर पर भाकपा माले जिला स्थायी समिति सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह, रामचंद्र पासवान, जीबछ पासवान, अनील चौधरी, जयंत कुमार, ललन कुमार, राजकुमार चौधरी, प्रमिला राय, उपेंद्र राय आदि ने बैठक में विचार व्यक्त किया।
बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य कॉ धीरेंद्र झा ने कहा कि 16 पंचायत को जोड़कर समस्तीपुर नगर परिषद को नगर निगम बनाया गया।
ये सभी 16 पंचायत समेत पूर्व नगर परिषद क्षेत्र में सड़क, बिजली, नाला, पेयजल, साफ-सफाई की समस्याएं हैं। इन समस्याओं का समाधान करने के बजाय विभाग सिर्फ टैंक्स वसूली करने पर तुली है। डेंगू से रहिवासी दहशत में हैं, लेकिन फागिंग मशीन नगर निगम कार्यालय में शोभा का वस्तु बना हुआ है। कहीं भी ब्लिचिंग का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। नाले का स्लैब टूटा पड़ा है। सड़क पर निर्माण सामग्री महीनों पड़ा रहता है। शहरी निकाय में मनरेगा, भूमिहीनों को वासभूमि, आवास योजना आदि नहीं रहने का खामियाजा गरीबों को भुगतना पर रहा है।
कॉ धीरेंद्र ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार वेंटीलेटर पर है। मंत्री की बात अधिकारी नहीं सुनते हैं। अन्य राज्य में बिजली फ्री है। यहां सबसे महंगी बिजली है। उपर से स्मार्ट मीटर लगाकर जनता को प्रताड़ित किया जा रहा है। अन्य राज्यों में रसोईया, आशा, सहायिका, सेविका आदि स्कीम वर्कर का मानदेय अधिक है। बिहार के संघर्षरत स्कीम वर्कर को मुख्यमंत्री सुनना नहीं चाहते हैं। दूसरे राज्यों में मोसमाती, वृद्धावस्था, दिव्यांग आदि पेंशन 3 हजार रूपए तक है, जबकि बिहार में 4 सौ रुपए है। यह बड़ी असमानता है।
उन्होंने कहा कि लघु उद्यमी योजना के तहत बिहार में 95 लाख गरीबों को 2-2 लाख रुपए अनुदान देने की घोषणा की, लेकिन अंचल कार्यालय 72 हजार के नीचे का आय प्रमाण-पत्र बनाने को तैयार नहीं है। इसके खिलाफ भाकपा माले आंदोलन तेज करेगी।
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