दहेज हत्या के दोषियों को न्यायालय ने दी आजीवन कारावास की सजा

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। आखिरकार दहेज के दानवो को उसकी किये की सजा न्यायालय ने मुकरर कर दिया। बोकारो जिला के हद में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय अनिल कुमार ने दहेज हत्या एवं हत्या के मामले में बेरमो थाना के हद में घुटियाटांड करगली कॉलोनी निवासी रितेश कुमार ठाकुर, पारस ठाकुर, इंदु देवी एवं राहुल ठाकुर को दोषी पाये जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

ज्ञात हो कि बिहार के औरंगाबाद जिला के हद में रिसियप थाना के सनथुआ निवासी अनिल कुमार प्रभाकर ने 25 जनवरी 2019 को बेरमो थाना प्रभारी के समक्ष बयान दर्ज कराया कि उनकी पुत्री अर्चना कुमारी उर्फ माला की शादी 19 अप्रैल 2016 को रितेश कुमार ठाकुर के साथ हुई थी।

शादी के कुछ दिनों के बाद से ही सूचक प्रभाकर की बेटी अर्चना कुमारी के साथ उसके पति रितेश, ससुर पारस, सास इंदु देवी और देवर राहुल सहित ससुरालियों द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। उनकी पुत्री को कहा जाता था कि शादी में दहेज बहुत कम मिला है, एक स्विफ्ट कार मांग कर लाओ वरना तुम्हें नहीं रहने देंगे।

समझाने के बाद भी नहीं मानते थे। सूचक द्वारा अर्चना को अपने घर औरंगाबाद ले जाया गया। जहां वह लगभग 1 वर्ष तक रही। इस दौरान उसकी बच्ची हुई। समझाने बुझाने के बाद सितंबर दो हजार अट्ठारह में उसे फुसरो लाया गया। यहां आने के बाद फिर से ससुराल वाले प्रताड़ित करने लगे।

कहने लगे कि अगर दहेज में कार नहीं मिला तो आप की बेटी अर्चना और नतिनि को जलाकर मार देंगे। अगर तुम आओगे तो तुम्हें भी मार देंगे। प्रभाकर के अनुसार 25 जनवरी 2019 को सुबह राहुल का फोन आया कि आपकी बेटी एवं नतिनी जल गई है।

सूचक के साथ उसके घर के सदस्य फुसरो पहुंचे तो देखा कि उनकी बेटी अर्चना मृत पड़ी है, जबकि नतीनी का इलाज बीजीएच बोकारो में चल रहा है। उन्होंने पुलिस में दिए तहरीर में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी बेटी को उसके ससुराल वालों ने घर में जला कर मार दिया। उसकी नतिनी को भी जला दिया गया है। उसके भी बचने की कोई संभावना नहीं है।

उक्त बयान के आधार पर बेरमो थाना में मामला दर्ज किया गया। इलाज के दौरान सूचक की नतिनी की भी मृत्यु हो गई। आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर जिला जज द्वितीय अनिल कुमार की अदालत में आया।

अदालत में उपलब्ध साक्ष्य और उभय पक्ष के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद जिला जज द्वितीय ने चारों अभियुक्तों को दहेज हत्या एवं हत्या के मामले में सिद्ध दोषी पाया। सिद्ध दोषी पाने के बाद 15 मई को चारों अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

चारों अभियुक्तों को सजा सुनाने के बाद तेनुघाट जेल भेज दिया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साहू ने बहस किया एवं सूचक के अधिवक्ता उमेश प्रसाद ने बहस में उनका साथ दिया।

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