ठेका मजदूरों ने चिकित्सा जांच के खिलाफ किया विशाल आक्रोश प्रदर्शन

पेट पर मारोगे तो सीने पर खाओगे, ईंट का जवाब पत्थर से मिलेगा-राजेंद्र सिंह

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। सेल के बोकारो इस्पात संयंत्र कोक ओवन एवं कोक केमिकल्स विभाग के बैटरी नंबर एक के सामने 6 जून की दोपहर ठेका मजदूरों ने चिकित्सा जांच के नाम पर गरीब मजदूरों के पेट पर लात मारने की साजिश के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उक्त प्रदर्शन हिंद मजदूर सभा से संबद्ध क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ के तत्वावधान में किया गया।

जानकारी के अनुसार उक्त प्रदर्शन में कोक ओवन एवं कोक केमिकल्स विभाग के हजारों आक्रोशित मजदूरों ने बैटरी नंबर 8 से जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए बैटरी नंबर 1 पर एकत्रित हुए, जहाँ प्रदर्शन सभा में तब्दील हो गया।

इस अवसर पर प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संघ के महामंत्री सह सदस्य एनजेसीएस राजेंद्र सिंह ने कहा कि सेल के बोकारो इस्पात प्रबंधन नित् नये-नये कानून लाकर मजदूरों के हाथों से नौकरी छिनने की साजिश करती रही है। उन्होंने कहा कि मजदूरों ने अपनी एका से हर बार प्रबंधन के मंसूबों पर पानी फेरने का काम किया है। फिर भी ये बाज नहीं आते हैं।

मजदूर विरोधी प्रबंधन ने मजदूरों के शोषण के लिए एक और कदम आगे बढ़कर नया काला कानून लाया है, मेडिकल चेकअप का। कहा कि जो मजदूर अपने हक की मांग करेंगे, उसे किसी न किसी बहाने अनफिट कर काम से निकालने की साजिश की जा रही है।

मजदूर नेता सिंह ने कहा कि हमें समझ में नहीं आता है कि सर्वोत्तम उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाने के बावजूद हर वक्त प्रबंधन इस साजिश में क्यों रहती है कि जो सर्वोत्तम कार्य करते हैं उन्हीं को काम से हटा दिया जाए।

उन्होंने कहा कि 15 -20 वर्षों तक अपने खून पसीने से संयंत्र को सीचने के बावजूद मेडिकल चेकअप के नाम पर जो मजदूरों के पेट पर लात मारने की साजिश हो रही है वह निंदनीय एवं शर्मनाक है।

इस विशाल प्रदर्शन के माध्यम से हम प्रबंधन के आलाधिकारियों से पूछना चाहते हैं कि क्या किसी अधिकारी को शुगर एवं ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं है? अगर है तो वह कैसे ड्यूटी कर रहे हैं? अगर फिटनेस के नाम पर ठेका मजदूरों को काम से हटाया जा रहा है तो अधिकारियों को क्यों नहीं? ऐसी दोगली नीति किसी भी कीमत पर नहीं चलेगी।

उन्होंने कहा कि अगर मेडिकल चेकअप करना है तो बिल्कुल करिये, मगर ड्यूटी में रहते हुए। और अगर कोई समस्या है तो उनके इलाज की भी व्यवस्था आप ही को करनी है, जैसे अधिकारियों का होता है।

सिंह ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मेडिकल चेकअप के नाम पर एक भी ठेका मजदूर को काम से निकाला जाएगा, तो हम सीधी कार्रवाई के लिए मजबूर होंगे। प्लांट का धुआं बंद होगा। संपूर्ण चक्का जाम होगा। उन्होंने कहा कि प्रबंधन के इस काले कानून के खिलाफ सभी मजदूर एकजुट हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर मजदूर के पेट पर मारोगे तो सीने पर खाओगे, ईंट का जवाब पत्थर से मिलेगा।

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