मनरेगा में कम से कम 25 प्रतिशत अजा एवं अजजा को रोजगार से जोड़ें-जिलाधिकारी

जॉब कार्ड सत्यापन में पातेपुर, भगवानपुर तथा विदुपुर अग्रणी

अवध किशोर शर्मा/सोनपुर (सारण)। वैशाली जिले में 239 परिवार वास विहीन एवं भूमिहीन हैं। इन परिवारों के लिए वास स्थल क्रय योजना से अथवा पर्चा देकर भूमि का बंदोबस्त किया जायेगा। इन 239 परिवारों को एक जगह क्लस्टर बनाकर या एक टोला बनाकर भी बसाया जा सकता है। जहां पेयजल, बिजली, शौचालय से लेकर अन्य सुविधाएं मुहैया करायी जा सकती है।

वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित समाहरणालय सभागार में 18 अप्रैल को ग्रामीण विकास की योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने उपरोक्त निर्देश दिए।

उन्होंने समीक्षा बैठक में कहा कि मनरेगा के तहत मानव दिवस सृजन में कम से कम 25 प्रतिशत रोजगार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एसी-एसटी) समुदाय को उपलब्ध करायी जाय। समीक्षा में पाया गया कि वैशाली जिला में यह प्रतिशत 17 रहा है।

इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी प्रकट की। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन लोगों ने अपना आवास पूर्ण कर लिया है उन्हें 90 दिन की मजदूरी मनरेगा से देय है। जिसका हर हाल में भुगतान सुनिश्चित करायी जाय।

जिलाधिकारी द्वारा जॉब कार्ड सत्यापन की प्रगति की समीक्षा की गयी। जिसमें पातेपुर में 66 प्रतिशत, भगवानपुर में 63 तथा बिदुपुर में 60 प्रतिशत के साथ जिला में प्रथम तीन स्थान बनायें है, जबकि पटेढ़ी बेलसर, वैशाली और महुआ नीचे से तीन स्थान पर पाये गये है। जिलाधिकारी द्वारा इस कार्य में तेजी लाकर इसे आधार सीडिंग के अनुसार 88 प्रतिशत करने का लक्ष्य दिया गया।

समीक्षा में पाया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2022-23 में कुल स्वीकृत आवासों के विरूद्ध 45114 आवास पूर्ण करायी गयी है, जबकि 921 आवासों को अभी पूर्ण कराया जाना है। जिसके लिए जिलाधिकारी द्वारा एक माह का समय दिया गया। इस कार्य के लिए आवास सहायक एवं आवास पर्यवेक्षक को जिम्मेदारी तय की गयी।

जिलाधिकारी ने कहा कि वैसे रहिवासी जो राशि का उठाव कर लिए हैं और कार्य प्रारंभ नहीं किये हैं, उनके विरूद्ध नोटिस जारी कर कार्रवाई करें। उप विकास आयुक्त को प्रतिदिन इस कार्य प्रगति की समीक्षा कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया गया।

समीक्षा में पाया गया कि जिला में 239 परिवार वासविहीन एवं भूमिहिन है। जिलाधिकारी द्वारा इन परिवारों के लिए वास स्थल क्रय योजना अथवा पर्चा देकर भूमि का बंदोबस्त करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि इन 239 परिवारों को एक जगह कलस्टर बनाकर या एक टोला बनाकर भी बसाया जा सकता है।

साथ हीं वहीं पर सभी सुविधा यथा पेयजल, बिजली, शौचालय आदि की व्यवस्था करायी जा सकती है। इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारियों को अंचलाधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने और आगामी 25 अप्रैल तक इसका निष्पादन करने का निर्देश दिया गया।

जिलाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, आवास सहायता योजना, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन की समीक्षा की गयी। लक्ष्य के अनुरूप कार्यों को शीघ्र पुरा करने का निर्देश दिया गया।

बैठक में जिलाधिकारी के साथ उप विकास आयुक्त चित्रगुप्त कुमार, निदेशक डीआरडीए राजीव कुमार, सभी प्रखंडो के प्रखंड विकास पदाधिकारी, मनरेगा पीओ, पर्यवेक्षक एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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