पूर्व प्राचार्य के निधन पर डीएवी गुवा में शोक सभा का आयोजन

डॉ मनोज की कमी सदा महसूस की जाएगी-उषा राय

प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में स्कूल के पूर्व प्राचार्य स्व. डॉ मनोज कुमार की आकस्मिक एवं असामयिक निधन को लेकर 14 मार्च को शोक सभा का आयोजन किया गया।

स्कूल की प्राचार्या उषा राय की अगुवाई में आयोजित शोक सभा में सभी शिक्षकों ने नम आंखों से स्कूल के पूर्व प्राचार्य दिवंगत डॉ मनोज के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थाना की गई। इस अवसर पर पूर्व प्राचार्य डॉ मनोज द्वारा विद्यालय में किए गए कार्यों की सराहना की गई।

आयोजित शोकसभा कार्यक्रम में मंच संचालन स्कूल के वरीय इतिहास शिक्षक पीके आचार्या ने निभाते हुए उनके आकस्मिक निधन पर गहरा दु:ख प्रकट किया। स्कूल के वरीय शिक्षक अनन्त कुमार उपाध्याय एवं बीसी दास ने भी पूर्व प्राचार्य द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान विद्यालय व् संस्था हित में किए गये योगदान की प्रशंसा की।

इस अवसर पर डीएवी गुवा की प्राचार्या उषा राय ने बताया कि
डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा के पूर्व प्राचार्य डॉ मनोज का बीते 13 मार्च की संध्या एकाएक हृदय गति रुक जाने से उनके निवास स्थान पटना में निधन हो गया। वे लगातार 22 महीनों से डीएवी गुवा मे सेवारत रहने के उपरांत पिछले वर्ष 2023 में सेवानिवृत हुए थे।

वे एक सच्चे शिक्षाविद थे। संस्था में उनकी कमी सदा महसूस की जाएगी। वे अपने पीछे पत्नी सुमन पांडेय, पुत्र एम टेक अभियन्ता कनिष्क पांडेय एवं अभियन्ता बीटेक कार्तिक पांडेय को छोड़ गए है। प्राचार्य राय एवं शिक्षको ने शोक संतप्त परिवार को ईश्वर से शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।

पूर्व प्राचार्य के निधन पर डीएवी झारखंड ए जोन जमशेदपुर के रीजनल ऑफ़िसर ओ. पी. मिश्रा ने स्व. डॉ मनोज द्वारा डीएवी में किए कार्यकाल व् सेवा की भूरी – भूरी प्रसंशा करते हुए उनके निधन को शिक्षा के क्षेत्र में अपूर्णीय क्षति बताया है। उन्होने कहा कि स्व. डॉ मनोज शिक्षा प्रेमी के रुप मे सदैव याद किए जाते रहेंगे।

डॉ मनोज के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए सेल के ईडी सह सेल गुवा के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक विपिन कुमार गिरि ने दूरभाष पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि डीएवी गुवा की नींव को मजबूत करने मे डॉ मनोज का अग्रणी योगदान रहा है, जिसे कत्तई भुलाया नहीं जा सकता है। वे एक सच्चे शिक्षाविद के रूप में सेल गुवा महाप्रबंधक कार्यालय में आकर विद्यालय की समस्याओं के निराकरण पर सदैव उनके साथ चर्चा करते रहते थे।

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