शहर जलमग्न, नप अध्यक्ष एवं पदाधिकारी चैन की निंद सो रहे-माले

नप को बाढमूक्त कराने से अधिक बजट पारित कराने की चिंता-सुरेन्द्र
एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। बिहार राज्य (Bihar state) के समस्तीपुर शहर जो पहले नगर परिषद था, अब नगर निगम है। इसका शायद ही कोई मुहल्ला है जो जलमग्न नहीं है। जिला मुख्यालय के हद में काशीपुर, बारह पत्थर, बीएड कॉलेज रोड, आरएनएआर कॉलेज रोड, दुर्गा पैलेस रोड, तिरहुत अकादमी रोड समेत करीब सभी मुहल्ले में नाव चलने की स्थिति है। लोग घर से निकल नहीं पा रहे हैं।

यहाँ तक कि बहुतेरे घर में भी पानी के साथ सड़क का कुड़ा – कचड़ा भरे पड़े हैं। आश्चर्य की बात है कि इन मुहल्लों में करोड़ों की लागत से नाला भी बना हुआ है, लेकिन अधिकांश नाले भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गये। कुछ नाले जाम पड़े हुए हैं। बार- बार नप में नाला उड़ाही का बिल बनता है, भजता भी है लेकिन खानापूर्ति के सिवा कुछ नहीं हो पाता।

युद्ध स्तर पर इसकी सफाई कराकर पहले से ही कोरोना से परेशान यहां के व्यवसायी एवं जनता को राहत दिलाने की जरूरत है। नगर निगम आयुक्त संजीव कुमार तो चैन की नींद सो रहे हैं। खैर वे अधिकारी हैं, नौकरी कर रहे हैं। आज यहाँ कल कहीं और रहेंगे पर अध्यक्ष तारकेश्वर गुप्ता तो समस्तीपुर शहर के हैं। वे शहर के अपने हैं, पर इन्हें भी शहरवासी को सुविधा दिलाने से अधिक ननि बजट पास कराने की चिंता है। हो भी क्यों नहीं। न हिंग- न हल्दी, करोड़ों के फायदे।

शहर की नारकीय स्थिति पर उक्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चर्चित आंदोलनकारी सह भाकपा माले जिला स्थाई समिति सदस्य कॉमरेड सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने समस्तीपुर के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर से स्वयं की देखरेख में युद्ध स्तर पर नाला उड़ाही कर शहर एवं आसपास के मुहल्ले से जल निकासी कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती है तो शहरवासी को ईकट्ठा कर माले के बैनर तले आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसका जिम्मेवार नगर प्रशासन होगा। माले नेता ने अन्य सभी राजनीतिक दलों एवं संगठनों से नकारा नगर निगम के खिलाफ हल्ला बोलने की अपील भी किया है।

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