परियोजना पदाधिकारी कार्यालय के समक्ष सीटू ने दिया एक दिवसीय धरना

यूनियन द्वारा परियोजना प्रबंधन को 7 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र के जारंगडीह परियोजना में प्रबंधन द्वारा एक साजिश के तहत आउटसोर्सिंग के विरोध में सीटू से संबद्ध एनसीओईए समर्थकों ने 13 दिसंबर को एक दिवसीय धरना दिया।

धरना के बाद प्रबंधन को यूनियन द्वारा सात सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। उक्त धरना कार्यक्रम को स्थानीय एक्टू, एटक तथा राकोमयू नेताओं ने भी अपना नैतिक समर्थन दिया।

जारंगडीह परियोजना कार्यालय के समक्ष आयोजित एक दिवसीय धरना के क्रम में सभा का आयोजन किया गया। अध्यक्षता एवं संचालन कमलेश गुप्ता तथा धन्यवाद ज्ञापन श्याम बिहारी सिंह दिनकर ने किया।

इस अवसर पर एनसीओईए के सहायक महामंत्री भागीरथ शर्मा ने उपस्थित कामगारों को संबोधित करते हुए कहा कि आमतौर पर सभी यूनियन केवल बीमारी के खिलाफ लड़ते हैं। केवल सीटू व् लेफ्ट की तमाम यूनियन ही बीमारी व कारण दोनों को लेकर लड़ाई लड़ता रहा है।

उन्होंने कहा कि जारंगडीह परियोजना में आउटसोर्सिंग के कारण इसका दुष्प्रभाव यहां के आम अवाम पर पड़ेगा। यहां के व्यवसायी, छोटे छोटे दुकानदार, दिहाड़ी मजदूर व यहां के कई मजदूर संगठन समाप्त हो जाएगा। इसलिए सबको मिलकर इसका जमकर विरोध करना जरूरी है।

शर्मा ने कहा कि कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के पूर्व और बाद की स्थिति को जानेंगे तब आपको समझ में आ जाएगा। आज वही स्थिति यहां होने जा रहा है। आउटसोर्सिंग कंपनी मात्र सात से साढ़े सात हजार मासिक पर कामगारों से 12 से 14 घंटा तथा महीना भर लगातार काम ले रहा है। वहां मजदूरों का भरपूर शोषण हो रहा है।

उन्होंने आम अवाम का आह्वान करते हुए कहा कि भविष्य की स्थिति की गंभीरता को पहचाने व झंडा, डंडा की पहचान को भूल कर एक साथ होकर सभी को लड़ना होगा, तभी जारंगडीह का अस्तित्व बचेगा। शर्मा के अनुसार हमारी ताकत यहां की आम जनता, मजदूर व गरीब किसान है। हम सब मिलकर लड़ेंगे तो किसी भी लड़ाई में जीत हमारी होगी।

क्षेत्रीय सचिव पीके विश्वास ने आरोप लगाते हुए कहा कि बड़े बड़े पद पर बैठे प्रबंधन के पदाधिकारियों को लाखों रुपए वेतन मिलता है। बावजूद इसके वे कमीशन खोरी में आकंठ डुबे हुए हैं। परिणाम मजदूरों को झेलना पड़ता है। ऐसे प्रबंधन के अधिकारियों पर नकेल कसने की जरूरत है।

एनसीओईए बेरमो जोनल अध्यक्ष श्याम बिहारी सिंह दिनकर ने कहा कि इस आंदोलन को करने का मुख्य उद्देश्य तमाम मेहनतकश मजदूर यूनियन के साथ संयुक्त मोर्चा बनाकर आउटसोर्सिंग के खिलाफ लड़ाई लड़ना है, ताकि मजदूर वर्ग का भला हो सके। उनका यह सोच फलीभूत होता नजर आ रहा है।

मौके पर बीएंडके क्षेत्र के कार्यकारी अध्यक्ष विजय कुमार भोई, विस्थापित नेता शाने रजा, एटक से संबद्ध यूसीडब्ल्यूयू के शाखा सचिव रामदास केवट, एक्टू से संबद्ध सीएमडबल्यूयू शाखा सचिव बाल गोविंद मंडल, राकोमयू क्षेत्रीय सचिव सहित संतोष सिन्हा, नबी हुसैन, निजाम अंसारी, नबेदुल हक, कमलेश गुप्ता, अख्तर खान, मनोज पासवान, दीनबंधु प्रसाद आदि ने भी सभा को संबोधित किया।

सभा के पश्चात एसबी सिंह दिनकर, निजाम अंसारी, कमलेश गुप्ता, नबेदुल हक, नबी हुसैन, नरेश राम, मोहम्मद मुस्तफा, मनोज पासवान आदि ने परियोजना के कार्मिक प्रबंधक सुभाष चंद्र पासवान को 7 सूत्री मांग पत्र सौंपा।

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