जहरीले वातावरण के बीच जिने को मजबूर मुकुंद नगर के नागरिक !

मनपा के घनकचरा विभाग की लापरवाहियों का खेला, धन उगाही के चक्कर में अधिकारी

मुश्ताक खान/मुंबई। रासायनिक गैसों की मार झेल रहे मुकुंद नगर के नागरिकों के सामने मनपा एम पश्चिम विभाग और रेलवे के अधिकारियों ने एक के बजाए दो बड़ी समस्याएं खड़ी कर दी है। वाशी नाका के मुकुंद नगर में फ्री वे के नीचे मनपा के धन कचरा विभाग ने गोदाम बनाया है, इस गोदाम से विभागीय अधिकारियों की मोटी कमाई होती है।

वहीं दूसरी तरफ मध्य रेलवे ने हाल ही में सीमेंट लोडिंग अन लोडिंग और ट्रांसपोर्टिंग का काम शुरू किया है। जिसके कारण मुकुंद नगर की जनता प्रदूषित वातावरण में जिने को मजबूर है। करीब दस हजार की जनसंख्या वाले इस इलाके के नागरिक विभिन्न जानलेवा बिमारियों से भयभीत भी हैं।

इतना ही नहीं इस इलाके में रोड एक्सीडेंट का खतरा भी बढ़ गया है, इसके साथ ही मामूली बारिश में भी जल जमाव और गोदाम के कारण गंदगी और दुर्गन्ध का सामना भी करना पड़ता है। इस कड़ी में खास बात यह है कि करीब तीन वर्षों में मनपा के कचरा गोदाम में कई बार आग लगने की बात भी सामने आई है। इसे लेकर नागरिकों ने गोदाम हटाओ अभियान शुरू कर दिया है।

गौरतलब है कि इस अभियान में पूर्व नगरसेवक राजेंद्र महुलकर ने मुकुंद नगर के नागरिकों के साथ विशेष बैठक की, ताकि मनपा के इस गोदाम को बिमारियों के फैलने से पहले हटाया जा सके।

इस बैठक में स्थानीय नागरिकों में आर पी आय (ए) के चेंबूर तालुका अध्यक्ष आकाश प्रकाश घोडके, मस्जिद कमेटी के चांद बाशा, समाजसेवक सिताराम जगताप, उस्मान शेख, सुधाकर ओसरमल, मोहम्मद शेख, श्रीहरी माने (शिवसेना), मचंद्र भोसले (कांग्रेस), दत्ता गायकवाड (बी एस पी), मन्ना सेल्वाराज रब्बानी और बाला कांबले आदि शामिल हैं।

मुकुंद नगर के नागरिकों के जीवन से खेलवाड़ क्यों

बताया जाता है कि रासायनिक गैसों से त्रस्त मुकुंद नगर के करीब दस हजार नागरिकों के जीवन से मनपा एम पश्चिम का धन कचरा विभाग और मध्य रेल प्रशासन द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है। फ्री वे की निचे बने कचरा गोदाम के मुद्दे पर पूर्व नगरसेवक राजेंद्र महुलकर ने धन कचरा विभाग के अभियंताओं से चर्चा कर हटाने की मांग की।

इस मुद्दे पर अभियंताओं ने बताया कि फ्री वे के निचे बने सूखा कचरा और गिला कचरा के संबंध वे लोग अपने वरिष्ठ अधिकारी से चर्चा करने के बाद निर्णय लेंगे। यहां के एक अभियंता ने बताया की योजना के अनुसार सूखा कचरा को हमारी टीम द्वारा चलंत वाहन में ही री – साइकिल करने की योजना पर काम कर रही है। इसमें थोड़ा समय लग सकता है।

जबकि स्थानीय नागरिकों ने मनपा की परियोजनाओं से कुछ लेना देना नहीं है, उनकी मांग है कि कचरे के गोदाम को जल्द से जल्द यहां से हटाया जाना चाहिए। मुकुंद नगर के नागरिकों का कहना है कि इस स्थान पर मनपा द्वारा क्लिनिक खोला जा सकता है या गार्डन बनाया जा सकता है। ताकि यहां के बुजुर्गों के साथ -साथ यहां की जनता के लिए स्वच्छ वातावरण निर्माण किया जा सके।

स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है संयंत्रों का रासायनिक गैस

उल्लेखनीय है कि करीब दो दशक पूर्व फ्री वे को बनाने के लिए मुकुंद नगर झोपड़पट्टी को तोडा गया था। इसके बाद म्हाडा और एसआरए द्वारा विकसित कर पीएपी के तहत लोगों का पुनर्वसन किया गया। जबकि इस परिसर में जहरीली गैस उगलने वाली देश की तीन बड़ी संयंत्र निकाय वाशी नाका परिसर में स्थित हैं।

इन संयंत्रों से निकलने वाली रासायनिक गैस (जहरीली गैस ) स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। इस कड़ी में दिलचप्स बात यह है कि एक तरफ राज्य सरकार और मनपा द्वारा हरित मुंबई स्वास्थ्य मुंबई का राग अलापा जाता है।

वहीं इस परिवेशी वायुमंडल में गैस NO, NO2, NOx, SO2, PM10 (धूल . पार्टिकुलेट मैटर) और RSPM (धूल PM2.5), (Gases in Ambient Air. NO, NO2, NOx, SO2, PM10 ( Dust. Particulate Matter) & RSPM ( Dust PM 2.5) आदि का समावेश है।

इनका पीएम 10.10 माइक्रोन से नीचे के धूल कण, पीएम 2.5 (आरएसपीएम श्वसन योग्य निलंबित पदार्थ), 2.5 माइक्रोन से नीचे के धूल कण ( PM10. Dust particle below 10 microns), PM2.5 ( RSPM. Respirable Suspended Matters), Dust particle below 2.5 microns आदि का मिश्रण विभिन्न बिमारियों की जड़ है।

Tegs: #Citizens-of-mukund-nagar-forced-to-live-amidst-poisonous-environment

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