ईसाई समुदाय ने हर्षोल्लास के साथ मनाया ईस्टर

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में गुवा में ईसाई समुदाय ने गुड फ्राईडे के बाद मनाया जाने वाला पहला संडे को ईस्टर संडे के रूप में 31 मार्च को हर्षोल्लास के साथ मनाया।

ज्ञात हो कि गुड फ्राइडे के दिन यीशु मसीह के बलिदान को याद किया जाता है। उनके अनुयायी दुखी होते हैं। वहीं ईस्टर संडे पर उनकी खुशी दोगुनी होती है, क्योंकि ईसाई धर्म का मानना है कि गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी गुड फ्राइडे के बाद आने वाले रविवार को यीशु मसीह दोबारा जीवित हुए थे।

यीशु मसीह के जीवित होने की खुशी में ईसाई समुदाय ईस्टर संडे के रूप में मनाता है। प्रभु यीशु मसीह प्रेम और शांति के मसीहा थे। दुनिया को प्रेम और करुणा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को उस समय के धार्मिक कट्टरपंथी ने रोम के शासक से शिकायत करके उन्हें सूली पर लटका दिया था।

इसी वजह से ईसाई धर्म के माननेवाले गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु के बलिदान को याद करते हैं। कहा जाता है कि प्रभु यीशु इस घटना के तीन दिन बाद यानी ईस्टर संडे के दिन पुनः जीवित हो उठे थे। ईस्टर संडे को बदलाव का भी दिन माना जाता है। इस दिन यीशु मसीह के जीवित होने के बाद उनको यातनाएं देने वाले और सूली पर चढ़ाने वाले को भी बहुत पश्चाताप हुआ था।

ईस्टर संडे के दिन ईसाई समुदाय द्वारा अहले सुबह गुवा के कब्रिस्तान में जाकर अपने पूर्वजों के कब्र पर मोमबत्तियां जलाया गया और प्रभु यीशु व पूर्वजों को याद किया गया। प्रभु यीशु के जीवित होने की खुशी में एक-दूसरे को बधाईयां दी। इस मौके पर पादरी सुशील कुमार बागे, पंचम जार्ज सोय, मनोज बकला, जुनून बारला, दाऊद पूर्ति, जार्ज तिर्की, जेम्स सहित अन्य मौजूद थे।

 56 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *