जातीय जनगणना पर घमासान की संभावनाएं प्रबल

राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह का बयान से काफी सख्त संदेश

संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। राजनीति की बाजी कब रफ्तार पकड़ ले यह कहना काफी मुश्किल भरा अनुमान सूत्र साबित होता आया है। बिहार की वर्तमान राजनीति और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Cheif minister Nitish Kumar) की सत्ता दोनों के तेवर काफी मिजाजी तेवर में तब्दील तब होने लगे हैं, जब से राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह का बयान जातीय जनगणना मामले में जदयू को समर्थन देता दिखा।

इस बार राजद अध्यक्ष के बयान में सिर्फ समर्थन नहीं पूरा का पूरा मसले को लेकर साथ रहने का एक अघोषित संकेत हो सकता है। जिससे भाजपा में भी बौखलाहट है। भाजपा (BJP) नेता ने मामले को अपने पक्ष में मजबूत करने का संकेत देते हुए मुख्यमंत्री कुमार और उनके सियासत की द्रवित भाव से सराहना भी की।

मालूम हो कि बीते कई महीने पहले जातीय जनगणना के मुद्दे पर दस दलों के नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। बिहार सियासत से जुड़ा यह मुद्दा अब काफी गरमाने लगा है।

सियासी हलचलें भी काफी बढ़ गई है। उधर उपेंद्र कुशवाहा ने तो खुली चेतावनी वाले लहजे में कह दिया कि जो जातीय जनगणना के मुद्दे पर जदयू के साथ नहीं होंगे उनके साथ कैसे ?

जबकि आरजेडी अध्यक्ष का बयान यह भी संकेत करता हुआ समझा गया कि जो बातें जदयू नेता कुशवाहा बोले वही बातें दूसरे रूप में प्रदेश अध्यक्ष राजद जगदानंद सिंह ने भी कही। मिला जुलाकर सियासी घमासान तय है।

सियासी हलचल भी रफ्तार पकड़ने लगा है। सभी नेताओं के सख्त तेवर के बीच एक सामान्य और अस्थाई राहत आमजन तक सांसद सुनील कुमार पिंटू के बयान से मिल सकता है, कि भाजपा जदयू में कोई टकराव नही।

उधर बीजेपी प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने जिस तरह के संकेत दिए और सीएम कुमार को पुरानी खट्टी बातें याद दिलाई। उससे लगता है कि इस मुद्दे पर बिहार की राजनीति का पारा आसमान छूएगा।

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