मुंबई हाईकोर्ट का आदेश, अवैध निर्माण पर चलाओ बुलडोजर

जिम्मेदार अधिकारियों पर दर्ज करो एफआईआर

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जो मनपा के भ्रष्ट अधिकारियों के लिए बेहद खतरनाक है। मुंबई हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अवैध निर्माण को तुरंत तोड़ने के साथ उन अधिकारियों पर भी एफआईआर दर्ज (Register FIR) कर कार्रवाई जाए, जो अवैध निर्माणों को संरक्षण देते हैं, आदि।

या उनकी अनदेखी करते हैं। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद भी मनपा के परिमंडल पांच एम पश्चिम व पूर्व में धड़ल्ले से अवैध निर्माण चल रहे हैं। चूंकि अब तक मनपा के अधिकारियों के आदेश पर मुंबई सहित राज्य (State) भर में अवैध निर्माण हो रहे थे। मुंबई हाईकोर्ट के इस फैसले से शिकायतकर्ताओं को बल मिलेगा।

पीडित परिवार का सदस्य होगा मुआवजे का हकदार

भिवंडी इमारत हादसे में कई लोगों की जान जाने के बाद हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान में लेकर जनहित याचिका दायर की थी। शनिवार को याचिका पर अपने आदेश में हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि हादसे की जांच में लंबा समय गंवाना पड़ता है।

राज्य में किसी भी इमारत के गिरने से होने वाले जानमाल के नुकसान पर नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्राप्त कर संबंधित दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए तत्काल कदम उठाएंगे। इमारत गिरने पर यदि किसी की मृत्यु होती है तो उसके परिवार का सदस्य मुआवजा का हकदार होगा।

अवैध निर्माण तोड़ने में न करें ढ़िलाई

हाईकोर्ट ने कहा कि सरकारी जमीन अथवा किसी भी सरकारी विभाग (Government department) की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए निर्माण, चाहे वह स्लम घोषित किया गया हो अथवा जर्जर हो चुका है। उसे तोड़ने का अधिकार स्थानीय महानगर पालिका को है।

ऐसे निर्माण कार्य को तोड़ने में किसी प्रकार की ढ़िलाई नहीं की जानी चाहिए। ऐसे में अगर कोई मनपा या सरकारी अधिकारी अवैध निर्माण को बचाना या संरक्षण देना चाहता है तो तुरंत उसपर एफआईआर दर्ज कराई जाए

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