बीएसएल के नए डायरेक्टर इंचार्ज ने की ‘दिल की बात

बोकारो: बोकारो स्टील प्लांट (BSL) के नवनियुक्त निदेशक प्रभारी, अमरेंदु प्रकाश ने मंगलवार को अपने पहले भाषण में कर्मचारियों और अधिकारियों को अपनी ताकत और कमजोरी का एहसास कराया। उन्होंने ने बड़े ही सरल भाषा में लोगो को समझा दिया की उन्हें 100 परसेंट के नीचे कुछ भी ग़वारा नहीं। बीएसएल के कर्मचारी और अधिकारी चाहे वह प्लांट के अंदर काम करते हो या टाउनशिप में या बीजीएच में सबको अपने काम में 100 परसेंट क्वालिटी देना होगा।

प्रकाश के ऑफिस ज्वाइन करने के बाद यह उनका पहला संवाद था जिससे उन्होंने ऑनलाइन दिया। हालांकि प्रकाश लोगों की नज़र में ऐसे पहले अधिकारी है जिन्होंने प्रोडक्शन और लगत में कमी लाने के पहले कर्मचारियों को अपने हेल्थ एंड सेफ्टी में 100 परसेंट देने को कहां। उन्होंने कोई कड़ी बात नहीं की पर बातो ही बातो में उन्होंने जता दिया की अब काम करने से सिर्फ नहीं चलेगा अपितु अपना 100 परसेंट देना होगा। कर्मचारियों को Or यह भी कहां की 100 परसेंट आउटपुट देकर देखिये तारीफ के साथ-साथ सम्मान भी  मिलेगा ।

हालांकि एक वाक्य में उन्होंने यह इशारा भी कर दिया की कर्मचारी अपने आप से वादा कर ले की उनको 100 परसेंट क्वालिटी देनी है। वह 6 महीने बाद फिर उनलोगो से संवाद करेंगे और आये हुए बदलाव की जानकारी लेंगे। कई अधिकारी प्रकाश के 6 महीने वाली बात पर चर्चा करना शुरू कर दिए है। लोगो का अनुमान है की हो सकता है प्रकाश 6 महीने बाद एक्शन मोड में आ जाये। प्रकाश ने अपने पहले संवाद में बीएसएल के उत्पादन छमता के बारे में विस्तार से बताया ।

उन्होंने कहां सितंबर के इस महीने में बीएसएल ने 2.80 लाख टन स्टील का उत्पादन किया है। जिससे लगभग 80 से 100 करोड़ रुपये की कमाई होगी। अभी बाजार भी अच्छा चल रहा6 है। लेकिन यह उत्पादन बीएसएल के छमता का केवल 80 प्रतिशत है। बीएसएल एक महीने में 3.50 लाख टन स्टील उत्पादन करने की क्षमता रखता है। हमने अगर अभी अपनी 100 प्रतिशत छमता के अनुसार उत्पादन कर Ek होता तो आज हमारी कमाई लगभग 200-225 करोड़ रुपये हुई होती।

हालांकि उन्होंने कर्मचारियों को 80 प्रतिशत उत्पादन हासिल करने के लिए प्रशंसा की, पर यह भी कहां की हमें 20 प्रतिशत अधिक उत्पादन करना होगा जिससे हम अपना 100 प्रतिशत उत्पादन प्राप्त कर सके। प्रकाश ने अपने भाषण के दौरान यह भी कहा कि उन्होंने आज अपनी ‘दिल की बात’ साझा की है। प्रकाश के संवाद को कर्मचारियों और अधिकारियों के अलावा यूनियन नेताओं, राजनेताओं और अन्य लोगों ने भी लाइव देखा।

प्रकाश ने कर्मचारियों को तीन चीज़ो को 100 प्रतिशत हासिल करने को कहा: स्वास्थ्य और सुरक्षा, गुणवत्ता और लागत में कमी। “मुझे 100 प्रतिशत स्वास्थ्य और सुरक्षा, 100 प्रतिशत गुणवत्ता और 100 प्रतिशत लागत में कमी चाहिए। मैंने जो कुछ भी साझा किया है, वह कोई किताबी ज्ञान नहीं है, यह मैंने अपने 24 वर्षों के अनुभव से सीखा है और इस पर मुझे विश्वास है।

उन्होंने कहा कि “अगर हममें से प्रत्येक कर्मचारी चाहे वह संयंत्र के अंदर या बाहर काम करता हो यह प्रतिज्ञा ले कि ‘मैं गुणवत्ता से समझौता नहीं करूंगा’ और ईमानदारी से पालन करूंगा तो याद रखिये 6 महीने में तस्वीर बदल जाएगी। उनके लिए कर्मचारी का स्वास्थ्य और सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। प्रकाश ने कहा कि उन्होंने संयंत्र के हॉट स्ट्रिप मिल (एचएसएम) में कई साल काम किया था। वह फ्लोर पर काम करने वाले कर्मचारियों की परेशानियों से वाकिफ है। पर उन्होंने ने उत्पाद की गुणवत्ता को अपनी दूसरी प्राथमिकता के रूप में बेहतर बनाने पर जोर दिया।

उन्होंने SAIL का पिछले साल के परफॉरमेंस को साझा किया। उन्होंने कहां की SAIL ने देश का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक होने का गौरव हासिल किया। क्योंकि उनके प्रतिद्वंद्वियों Tata Steel और JSW का उत्पादन अपेक्षाकृत उनके उत्पादन से कम था। लेकिन वास्तव में सेल का उत्पादन उसकी अपनी क्षमता का6 केवल 80 प्रतिशत था। SAIL जो 20 MTPA कच्चे इस्पात का उत्पादन करने की क्षमता रखती है, उसने केवल 16 MTPA उत्पादन हासिल किया था। पर इसके बावजूद उसने सबसे बड़ी इस्पात निर्माता होने का सम्मान मिला।

प्रकाश ने कहां की जरा सोचिये, 100 प्रतिशत उत्पादन हासिल करने से वह सिर्फ 20 परसेंट पीछे चल रहे है। बीएसएल की उत्पादन क्षमता 4.8 MTPA है। कर्मचारी को 100 प्रतिशत उत्पादन प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए लेकिन गुणवत्ता से समझौता किए बिना। “यह धारणा कि यदि गुणवत्ता में वृद्धि हुई है तो उत्पादन में असर पड़ेगा पूरी तरह से गलत है। मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं कि यदि हम 100 प्रतिशत गुणवत्ता प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो उत्पादन स्वतः प्राप्त हो जाएगा। हम केवल 20 प्रतिशत उत्पादन छमता के पीछे रह गए हैं, जिसे हम अपने समर्पित और केंद्रित प्रयास से हासिल कर सकते हैं।

हालाँकि प्रकाश ने यह बोलने में कोई भी गुरेज नहीं किया कि वर्तमान में बीएसएल का उत्पादन वैसा ही है, जैसा कि 10 साल पहले था। उन्होंने कर्मचारियों को यह महसूस कराया कि निवेश के बावजूद वे उत्पादन बढ़ाने में विफल क्यों हैं ? यदि उत्पादन नहीं बढ़ा, तो इसका मतलब है कि वह सभी निवेश बेकार गया। प्रकाश ने तीसरे मंत्र ‘लागत में कमी’ पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई। संसाधनों के उचित उपयोग और बर्बादी रोक कर लागत में कमी लाई जा सकती है। “मुझे लगता है कि लागत में कटौती और लागत में कमी के बीच अंतर है। मेरा फोकस लागत में कमी पर है जिसे 100 प्रतिशत हासिल किया जाना चाहिए ”।

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