एस. पी. सक्सेना/बोकारो। सीबीआई धनबाद की टीम ने 7 अक्टूबर को बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा वाशरी में कार्यरत कार्मिक विभाग के क्लर्क सुरेश ठाकुर को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आवश्यक जांच के बाद सीबीआई आरोपी क्लर्क को धनबाद ले गयी।
आरोपी क्लर्क सुरेश ठाकुर पर आरोप है कि उसने सेवानिवृत्त कर्मचारी गोपीनाथ मांझी का पे-प्रोटेक्शन एरियर का भुगतान करने के बदले रिश्वत की मांग की थी। इसे लेकर सीबीआई धनबाद की टीम ने जाल बिछाकर रिश्वत की राशि के साथ धर दबोचा।
जानकारी के अनुसार बोकारो जिला के हद में पेटरवार प्रखंड के चांपी अम्बा टोला रहिवासी सीसीएल कर्मी गोपीनाथ मांझी कई दिनों से अपने एरियर भुगतान के लिए प्रयासरत थे। रिश्वत न देने के कारण उनका भुगतान अटका हुआ था। अंततः, मांझी ने यूनियन नेता रामविलास रजवार की मदद से सीबीआई धनबाद में शिकायत दर्ज करायी।
इसके बाद सीबीआई ने गोपीनाथ मांझी और रामविलास रजवार के सहयोग से इस मामले में जाल बिछाया। टीम ने केमिकल युक्त 15,000 रुपये का नोट रजवार को दिया, जिसे उन्होंने क्लर्क सुरेश ठाकुर को सौंपा। बताया जाता है कि जैसे ही आरोपी ठाकुर ने रिश्वत की राशि ली, सीबीआई की टीम ने उसे रंगे हांथ गिरफ्तार कर लिया।
बताया जाता है कि ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद उसका हाथ धुलवाया गया, जिससे केमिकल युक्त नोटों के जरिए रिश्वत की पुष्टि की गयी। इसके बाद सीबीआई की टीम ने पीओ ऑफिस में घंटों तक पूछताछ की फिर ठाकुर को धनबाद ले गई। सीबीआई टीम में डी पॉल, सौरभ कुमार आदि शामिल थे।
ज्ञात हो कि, पीड़ित गोपीनाथ मांझी ने 16 दिसंबर 2022 को कथारा वाशरी पीओ को आवेदन दिया था, लेकिन दो साल से उसके एरियर भुगतान नहीं किया गया। ठाकुर ने एरियर पे-प्रोटेक्शन भुगतान के लिए 25,000 रुपये की मांग की थी, जिसके बाद 15,000 रिश्वत लेने पर वह राजी हुए।
इसे लेकर मांझी ने रामविलास के साथ सीबीआई के धनबाद कार्यालय पहुंचकर क्लर्क की घूसखोरी की पूरी दास्तान सुनाई, जिसके बाद सीबीआई ने उक्त कार्रवाई की। बताया जाता है कि सीबीआई के इस कार्रवाई से सीसीएल के कर्मचारियों और क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। मामले की विस्तृत जांच जारी है।
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