चुप्पी तोड़ो, स्वस्थ रहो जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला संपन्न

स्वच्छ रहने की आदतों के प्रति जागरूकता से हीं महिलाएं स्वस्थ रहेगी-डीडीसी

जलसहिया को डिजिटल करने के लिए दिया गया स्वाइप मशीन एवं क्यू आर कोड

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के तत्वाधान में चुप्पी तोड़ो, स्वस्थ रहो अभियान के तहत 10 जून को बोकारो की उप विकास आयुक्त कीर्तिश्री की अध्यक्षता में जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में आयोजित की गई।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य इसके बारे में 10 से 19 वर्ष की किशोरियों को जागरूक करना है। उन्हें साफ-सफाई हाईजिन के अलावा सैनेट्री पैड के उपयोग, उपलब्धता, एफोर्डेबल एवं रिसाईकल कैसे कर सकते हैं या नहीं इस पर जागरुक होकर कार्य करने की आवश्यकता है। यूनिसेफ सहयोगी जिला समन्वयक घनश्याम ने मौके पर माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्यक्रम आगामी 12 जून तक चलेगा।

मौके पर उप विकास आयुक्त कीर्तिश्री, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल चास रामप्रवेश राम, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान प्रेजेन्टेशन के माध्यम से किशोरियों एवं महिलाओं विशेषकर 10 से 19 आयु वर्ग के किशोरियों में महावारी के दौरान स्वच्छता को बढ़ावा देने और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से संबंधित विभिन्न जानकारियां दी गयी।

कार्यशाला में उप विकास आयुक्त कीर्तिश्री ने कहा कि चुप्पी तोड़ो, स्वस्थ्य रहो अभियान सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है। स्वच्छता पर आधारित इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं को स्वच्छ रहने की आदतों के प्रति जागरूक किया जायेगा, तभी महिलाएं स्वस्थ रहेगी।

उन्होंने कहा कि चुप्पी तोड़ो, स्वस्थ्य रहो अभियान का मुख्य उद्देश्य इसके बारे में 10 वर्ष से 19 वर्ष की किशोरियों को जागरूक करना है। उन्हें साफ- सफाई हाईजिन के अलावा सैनेट्री पैड के उपयोग, उपलब्धता, एफोर्डेबल एवं रिसाईकल कैसे कर सकते हैं या नहीं इस पर जागरुक होकर कार्य करने की आवश्यकता है।

जमीनी स्तर पर आंगनबाड़ी सेविका, सहिया, एएनएम की टीम को सक्रिय करते हुए कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आज किशोरियों एवं महिलाओं में सबसे ज्यादा एनिमिया की शिकायत पायी जाती है, क्योंकि विटामिन, भोजन व न्यूट्रिशियन उन्हें नहीं मिल पाता है।

उप विकास आयुक्त ने कहा कि महिलाओं में माहवारी संबंधी स्वच्छता के स्तर पर काफी सुधार की आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस विषय पर आज भी महिलाए बात नही करती है। उन्हें इस विषय पर जानकारी देने वाले को भी आधी-अधूरी जानकारी होती है।

ज्यादातर किशोरी लड़कियां सुरक्षित माहवारी स्वच्छता प्रथाओं से अनभिज्ञ रहती है, जिसके कारण असुरक्षित एवं गलत माहवारी प्रथाओं को अनजाने में अपना लेती है। जिसके गंभीर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

इस अवसर पर कैशलेस जागरूकता के तहत पंचायतों की जलसहिया दीदियों को स्वाइप मशीन एवं क्यू आर कोड दिया गया। इसके तहत गोमिया प्रखंड के 9 जलसहिया को क्यूआर कोड दिया। वहीं बेरमो प्रखंड की 12 जलसहिया तथा चास प्रखंड की जलसहिया दीदियों को 10 स्वाइप मशीन दिया गया।

कार्यशाला के दौरान विभिन्न पंचायतों के मुखिया, सभी प्रखंड समन्वयक, सोशल मोबिलाइजर पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल चास एवं तेनुघाट सहित अन्य उपस्थित थे।

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