बोकारो कोलियरी ने वित्तीय वर्ष में 3 लाख 25 हजार टन कोयला उत्पादन किया

बोकारो कोलियरी के स्वर्णिम दिन एक बार फिर से लौटेगा-पीओ

प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में सीसीएल के बीएंडके एरिया की सौ साल से ज्यादा पुरानी बोकारो कोलियरी के स्वर्णिम दिन एक बार फिर से लौटने की उम्मीद जतायी जा रही है।

चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस कोलियरी का कोयला उत्पादन लक्ष्य तीन लाख टन था। जिसे लक्ष्य को पूरा करते हुए 3 लाख 25 हजार टन कोयला उत्पादन संभव हो पाया है। परियोजना के पीओ अरविंद कुमार शर्मा और मैनेजर बी पी साहू के अनुसार सालाना कम-से-कम पांच लाख टन कोयला उत्पादन करने पर कोलियरी का नफा -नुकसान बराबर पर आ जायेगा।

मालूम हो कि बोकारो कोलियरी को स्टेट रेलवे ने वर्ष 1918 में शुरू किया था। वर्ष 1956 में यह एनसीडीसी (नेशनल कोल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) के अधीन चला गया। वर्ष 1973 में कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद यह सीसीएल के अंतर्गत आ गया। फिलहाल यह कोलियरी सालाना सौ करोड़ से ज्यादा के नुकसान पर चल रही है।कोलियरी के डीडी माइंस से फिलहाल उत्पादन कार्य हो रहा है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन बोकारो कोलियरी शाखा सचिव रोशन सिंह ने कहा कि सभी के सहयोग से चालू वित्तीय वर्ष 2024- 25 में बोकारो कोलियरी से 5 लाख टन कोयला उत्पादन होगा। उन्होंने कोयला उत्पादन का लक्ष्य पूरा होने पर अधिकारियों और कर्मचारियों को साधुवाद दिया है।

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