खिलाड़ियों के लिए बेहतर मैदान,अच्छी ट्रेनिंग व् रोजगार की गारंटी जरुरी-भोलू

प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand mukti morcha) खेलविंग के बोकारो जिला अध्यक्ष आलमगीर खान उर्फ भोलू खान ने 7 अगस्त को एक भेंट में बताया कि झारखंड सरकार राज्य में खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए खेल नीति बना रही है।

उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को बेहतर मैदान, अच्छी ट्रेनिंग, अच्छा खाना मिलने के साथ उनके लिए रोजगार की गारंटी होनी चाहिए। इन बातों का ध्यान रखा गया तो निश्चित ही खेल और खिलाड़ियों का विकास होगा।

उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालयों में सीनियर स्तर के खिलाड़ियों के लिए सेंटरों में ट्रेनिंग की आधुनिक सुविधा, जिम, डाइट, मेडिकल के साथ बेहतर कोच रखे जाएं। टैलेंट हंट के जरिए इन सेंटरों के लिए खिलाड़ियों का चुनाव होना चाहिए। सरकार के ही सेंटर से निकलने वाले बच्चों की कतार लग जाएगी।

उन्होंने कहा कि आवासीय और डे बोर्डिंग सेंटरों से कितने ही खिलाड़ी नेशनल चैंपियन बन रहे हैं। आगे चलकर उन्हें सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। उनको इस सेंटर में रखकर तराशने की व्यवस्था होगी, तो राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी पहुंच तेजी से बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि अभी सीनियर स्तर के खिलाड़ियों के लिए राज्य में ट्रेनिंग की सुविधा नहीं है। खेल संघों के लोगों ने कहा कि राज्य के ग्रामीण युवाओं में नेचुरल पावर है। उन्हें तकनीकी रूप से मजबूत बनाने की जरूरत है।

खान ने कहा कि एक खिलाड़ी का खेल करियर बहुत लंबा नहीं होता, लेकिन अपने बहुमूल्य समय खेल को देने के बाद राज्य के खिलाड़ियों को निराशा ही मिली है।

उन्होंने कहा कि राज्य में खेलों का ऐसा वर्गीकरण होना चाहिए, जिससे ओलंपिक और विश्व स्तर पर खेले जानेवाले खेलों के खिलाड़ियों को सुविधाएं मिल सकें। यदि एक खिलाड़ी के खाते में बड़ी उपलब्धि हो तो उसे नौकरी मिलनी ही चाहिए। सभी राज्यों में ऐसे ही नियम हैं।

उन्होंने कहा कि जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों का निबंधन खेल विभाग को करना चाहिए, ताकि एक रिकॉर्ड हो कि हमारे खिलाड़ियों के लिए क्या करना है। नियुक्ति एजेंसियों में खेल के विशेषज्ञ को भी रखना चाहिए। खेल संघों के साथ सरकार का समन्वय हो। उ

न्होंने कहा कि खेलों का वर्गीकरण होना चाहिए। खेल संघ और खिलाड़ियों को खेल नीति में सुविधा मिलनी चाहिए। सरकार की जो नीति खेल संघों और खिलाड़ियों के लिए हो, वह रेगुलर बेसिस पर चलनी चाहिए। जिलों में खेलों के लिए मैदान विकसित करने की पहल होनी चाहिए।

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