बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति ने किया पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मान

प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट (बोकारो)। बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के तत्वधान में 24 जुलाई को बोकारो जिला के हद में पेटरवार प्रखंड के चांपी एवं खेतको पंचायत सचिवालय में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

यहां पंचायत के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक संतोष कुमार नायक एवं सह-संयोजक अधिवक्ता संघ के महासचिव वकील प्रसाद महतो ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किये।

सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए समिति के संयोजक संतोष कुमार ने कहा कि बेरमो अनुमंडल स्थापित हुए लगभग 50 साल होने को है। लेकिन आज तक बेरमो अनुमंडल को जिला नहीं बनाया गया है, जबकि यह अनुमंडल जिला बनने की सारी अहर्ताओं एवं मापदंड को पुरा करता है।

उन्होंने कहा कि बेरमो अनुमंडल एवं गिरिडीह जिला (Giridih District) को एक साथ बनाया गया। बेरमो अनुमंडल के अंतर्गत कई कल कारखाने एवं खनिज सम्पदा है। बेरमो अनुमंडल की आबादी 2011 की जनसंख्या के आधार पर लगभग 11 लाख है। फिर भी यह अनुमंडल अबतक जिला का दर्जा नहीं प्राप्त कर पाया है।

नायक ने कहा कि झारखंड राज्य ( में ऐसे कई जिला बना है जो बेरमो अनुमंडल से सारी अहर्ताओं में कम है। इसके बावजूद भी बेरमो अनुमंडल को जिला नही बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विगत 13 मार्च को बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति का गठन कर बेरमो अनुमंडल तेनुघाट मुख्यालय को जिला बनाने के लिए बीजा रोपन कर दिया गया।

वकील प्रसाद महतो ने कहा कि सात साल पहले ही संयुक्त सचिव झारखंड विधानसभा द्वारा बोकारो उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी गई थी, जो आज तक नहीं भेजी गई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से ही तेनुघाट अधिवक्ता संघ द्वारा अन्य राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के माध्यम से बेरमो को जिला बनाने की मांग उठती रही, पर इसकी कोई सकारात्मक पहल नहीं हो पाई।

झारखंड राज्य अलग होने के बाद कालांतर में 6 नये जिले बने है, जिसमें से इन छः जिलों की अहर्ताएं बेरमो से कई मायनो में कम थी। उन्होंने बताया कि बेरमो अनुमंडल के हद में बेरमो विधानसभा, गोमियां विधानसभा तथा डुमरी विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश हिस्से आते हैं।

बेरमो अनुमंडल के दामोदर नदी में बनाया गया एशिया का सबसे बड़ा अर्थन मिट्टी का विशाल डैम, टीटीपीएस, बीटीपीएस, सीटीपीएस और कैप्टिव पावर प्लांट है। सीसीएल के कथारा, ढोरी, करगली क्षेत्र से करोड़ो टन कोयला उत्पादन होता है।

भारत वर्ष का पहला बारूद कारखाना गोमियां में स्थित है। तेनुघाट डैम, कोनार डैम से पन बिजली तैयार करने की परियोजना भी लंबित है। तेनुघाट डैम से करोड़ो रुपये का पानी बोकारो इस्पात लिमिटेड एवं सेल को पानी बेचता है।

बेरमो अनुमंडल के 7 प्रखंडो का सभी पंचायत प्रतिनिधि मुखिया, पंचायत समिति, प्रमुख, जिला परिषद सदस्य, बुद्धिजीवी, सामाजिक, राजनैतिक विचार रखने वाले इस अभियान में प्रमुख हिस्सा है। इसको लेकर सभी पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

मौके पर जिला परिषद सदस्य माला कुमारी, संघ सदस्य नारायण प्रजापति, कुलदीप प्रजापति, मुखिया रीता देवी, मुखिया अनवरी खातुन, पूर्व मुखिया शब्बीर अंसारी, श्रीराम हेम्ब्रम, पंचायत समिति सदस्य जाफर अली, सीताराम मुर्मू, वार्ड सदस्य बिजय कुमार महतो एवं दर्जनों सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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