बीएमएस के प्रदेश अध्यक्ष बने बलिराम व् महामंत्री राजीव

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। भारतीय मज़दूर संघ झारखंड प्रदेश की ओर से राजधानी रांची के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल धुर्वा में आयोजित दो दिवसीय अधिवेशन में तीन वर्ष के लिये नया।

कार्यसमिति का गठन किया गया। क्षेत्रीय संगठन मंत्री धर्मपाल शुक्ला ने नई कार्य समिति का औपचारिक घोषणा किया। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष बलिराम यादव, प्रदेश महामंत्री राजीव रंजन सिंह तथा प्रदेश कोषाध्यक्ष चंदन प्रसाद बनाये गये। भारतीय मजदूर संघ झारखंड प्रदेश ने संगठन विस्तार की दृष्टिकोण से पूरे झारखंड प्रदेश को आठ विभागों में बांटा है।

जमशेदपुर विभाग का प्रमुख अभिमन्यु सिंह, उप प्रमुख अमित कुमार झा आदि को मनोनित किया गया है। इसकी जानकारी बीएमएस के पश्चिम सिंहभूम जिला संयोजक धनुर्जय लागुरी ने दी।लागुरी ने बताया की झारखंड प्रदेश भामसं द्वारा आयोजित अधिवेशन में 10 प्रस्ताव लाया गया। इसमें न्यूनतम मजदूरी 379 रुपए से बढा़कर 693 रूपये करने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा भी दी जाए।

झारखंड प्रदेश में कार्यरत 1.02 लाख आंगन आंगनबाड़ी सेविकाओं का न्यूनतम वेतनमान 18 हजार रुपए के साथ ही उन्हें सरकारी कर्मचारियों की भांति ग्रेच्युटी की सुविधा दी जाए। झारखंड प्रदेश में सहिया, बीटीटी वर्कर्स घोषित करते हुए उन्हें 15 से 18 हजार दिया जाए। साथ हीं उन्हें पेंशन एवं ग्रेच्युटी की भी सुविधा दी जाए। सभी संगठित क्षेत्र में कार्यरत असंगठित ठेका मजदूरों को सर्वोच्च न्यायालय के श्रम कानून के तहत समान काम का समान वेतन दिया जाए।

सभी को स्थाई कर्मचारियों की भांति सभी सुविधाएं दी जाए। रोजगार गारंटी योजना को झारखंड प्रदेश में कृषि कानून के तहत तब्दील किया जाए, ताकि प्रदेश से बड़ी संख्या में ग्रामीण मजदूरों का पलायन न हो सके। सामाजिक सुरक्षा कानून 2020 झारखंड प्रदेश में अविलम्ब लागू किया जाए। असंगठित क्षेत्र के लिए लेबर वेलफेयर बोर्ड की स्थापना की जाए।

लागूरी ने बताया कि अधिवेशन में भारतीय श्रम सम्मेलन के 45वां सत्र में लिए गए निर्णय के अनुसार झारखंड प्रदेश के आंगनबाड़ी, आशा, सहिया, मिड डे मिल कर्मी, मनरेगा कर्मी, सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कीम वर्क्स को उचित वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा देने, अंतिम वेतन के 50 फीसदी के बराबर पेंशन निर्धारित करते हुए।

महंगाई भत्ता के साथ जोड़कर पेंशन राशि का समय पर पुनर्निर्धारण किए जाने, सामाजिक सुरक्षा स्वायत्त संस्थान स्थापित किया जाए। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज योजना लागू किया जाए, ताकि आम नागरिक स्वास्थ संबंधी महंगी इलाज से बच सके।

प्रत्येक जनप्रतिनिधि द्वारा असंगठित श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा से संबंधित मामला को लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, विधान परिषद में चर्चा की जाए एवं संबंधित कानून पर जल्द से जल्द निपटारा किया जाए। किसी भी संस्थान में इपीएफ, ईस 1, ग्रेच्युटी, पेंशन मे लापरवाही परिलक्षित प्रिंसिपल एंपलॉयर उससे संबंधित कार्यालय पर कार्रवाई की जाए आदि प्रस्ताव पारित किया गया।

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