विद्यालयों में बाल अधिकार सरंक्षण पर जागरूकता कार्यक्रम

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बाल अधिकार कार्यकर्ता सह मनोवैज्ञानिक डॉ प्रभाकर कुमार द्वारा 23 दिसंबर को बोकारो जिला के हद में भतुआ पंचायत के राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय ढंडबरा तथा सर्वोदय उच्च विद्यालय भतुआ मे बाल अधिकार सरंक्षण जागरूकता विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जानकारी के अनुसार जागरूकता कार्यक्रम में जुबेनाइल जस्टिस अधिनियम (J J Act) 2015, पोक्सो एक्ट 2012, पोक्सो रूल 2020, आरटीई एक्ट, कॉर्पोरल पनिशमेंट के दायरे, बच्चों के अधिकार व कानून, बच्चों के सहायतार्थ टोल फ्री 1098 नंबर, बच्चों के हितधारकों की सूची, आदि।

हितधारक मे पुलिस की भूमिका बाल अधिकारों के परिपेक्ष्य में, जिले में बढ़ती बाल उत्पीड़न की घटनाएं व उनके प्रकार, बाल मुद्दे व् बाल विवाह, बाल श्रम, बाल दुर्व्यापार, नशा सेवन मे प्रवृत्त बच्चे, बाल मुद्दों पर विद्यालय के मानकों पर , स्कूल प्रबधंन की भूमिका के आलोक में बढ़ते बाल अपराध की घटनाएं व मनोवैज्ञानिक निजात आदि विषय पर विस्तारपूर्वक जागरूकता बच्चों संग उनके शिक्षकों, स्कूल प्रबंधन की उपस्थिति में किया गया।

इस अवसर पर डॉ प्रभाकर द्वारा बच्चों को बाल अधिकारों, कानूनों, मुद्दों पर बाल विवाह व इसके दुष्परिणाम, बाल श्रम, बाल दुर्व्यापार, बाल उत्पीड़न के सभी प्रकारों, पेडोफिलाय मानसिकता आदि विस्तारपूर्वक बतलाया गया। बच्चों को बाल विवाह, बाल श्रम, बाल दुव्यर्वहार मुक्त, नशा मुक्त भारत निर्माण आदि का संकल्प करवाया गया। वही विद्यालय प्रबंधन को जेजेपी एक्ट 2015 के सभी मार्गदर्शिका, नियमो की अद्यतन जानकारी दी गयी।

वैसे संस्थान जहाँ बच्चे आते जाते हैं। पढ़ते हैं। रहते हैं। आवासीय व्यवस्था का लाभ लेते हैं, चाहे वह स्कूल हो या कोई शेल्टर होम या कोई भी, वहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों चाहे वो स्थायी, संविदा, तदर्थ अंश कालीन जॉब पर ही क्यों न नियुक्त हों, पोक्सो रूल 2020 के तहत संस्थान के प्रबंधक को सभी कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन रिपोर्ट एवं सामाजिक पृष्ठभूमि जांच रिपोर्ट करवाकर रखना अनिवार्य है।

इसका अनुपालन नहीं किया जाना पोक्सो रूल 2020 का उलंघन है। साथ ही विद्यालय या कोई शेल्टर होंम या कहीं भी बच्चों से संबंधित बाल अपराध/बाल यौन व्यवहार की घटना घटित होती है, तो इसकी जानकारी पोक्सो के धारा 21 के तहत अनिवार्य रूप से स्थानीय थाने या विशेष किशोर पुलिस इकाई को दी जानी है।

कहा गया कि अगर कोई ऐसी जानकारी को छिपाते हैं, पुलिस तक उपलब्ध नहीं करवाते हैं तो इसके लिये छह माह की सजा निर्धारित की गयी है।

डॉ प्रभाकर ने बताया कि झारखंड के सभी स्कूलों में पोक्सो की अद्यतन जानकारी हेतु जागरूकता को अनिवार्य की गयी है, ताकि बच्चों की सुरक्षा शत प्रतिशत सुनिश्चित हो पाएं। पेडोफिलाय मानसिकता की पहचान जरूरी है । गुड टच, बैड टच आदि की पहचान हेतु बच्चों को संवेदनशील बनाना महत्वपूर्ण है।

कहा गया कि कोमल फिल्म को दिखला कर , नुक्कड़ रोल प्ले के माध्यमों से बच्चों मे संवेदनशीलता लायी जा सकती है। कहा गया कि बच्चे जितने जागरूक होंगे, उतनी उनकी सुरक्षा संभव है।

बच्चों को आपात स्थितियों से बचाव हेतु आत्म रक्षा के गुरों से भी अवगत कराने की जरूरत है, ताकि विषम व अकल्पनीय परिस्थितियों में भी वे अपनी रक्षा कर सके। बच्चों को आत्मरक्षा के गुर रोल प्ले के माध्यम से करके दिखलाया गया । रोल प्ले के माध्यम से बच्चों का व्यवहार परिमार्जन उपयुक्त तरीके से संभव हैं।

कहा गया कि जागरूकता ही बचाव है। विद्यालयों मे बच्चों संग प्रबधंन की बाल मुद्दों पर संवेदनशीलता, सुरक्षित बचपन , सुरक्षित राष्ट्र की परिकल्पना को चरितार्थ कर पायेगी । जागरूकता कार्यक्रम समाप्त होने के बाद बच्चों से बतलाये गये विषय से संदर्भित प्रश्न पूछे गये एवं सामूहिक सहभागिता मे सबों के बीच मनोबल को बढ़ावा दिया गया तथा उत्साहवर्धन किया गया।

मौजूद पर राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय ढंडबरा में जागरूकता कार्यक्रम में भतुआ पंचायत के पूर्व मुखिया नरेश चंद्र महतो, वार्ड सदस्य मदन कुमार गुप्ता, प्रधानाध्यापक किरण, प्रभा, मीरा देवी, भूतनाथ सिंह, प्रश्ना कुमार मोदी, शक्ति प्रसाद, ऋषभ, साधन महतो आदि समेत विद्यालय के विद्यार्थियों की उपस्थिति रही। विद्यालयों में ढंडबरा, लेवाटाड़, गाढ़ा बासा सेक्टर 8, जोलाहडीह, सेक्टर चार एफ झोपड़ी के बच्चों का नामांकन है।

यहां सर्वोदय उच्च विद्यालय में भतुआ पंचायत मे मुखिया उर्मिला देवी, प्रधानाध्यापक नेहरू लाल, शिक्षक केदार नाथ डे, स्वर्ण प्रभा दास, बंधु महतो, नरेंद महतो, वार्ड सदस्य मदन कुमार गुप्ता, शक्ति प्रसाद, ऋषभ, साधन महतो आदि उपस्थित रहे ।

 237 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *