एक अनाथ बच्ची को मिला माता पिता का आसरा

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। जिला बाल संरक्षण इकाई वैशाली द्वारा संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित 8 माह की बालिका को जिलाधिकारी वैशाली द्वारा 23 दिसंबर को वीरभूम (पश्चिम बंगाल) के दम्पत्ति को दत्तक ग्रहण पूर्व पालक देख रेख (प्री-एडॉप्सन फोस्टर केयर) में दिया गया।

उक्त बालिका को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दत्तक ग्रहण मार्गदर्शिका-2022 के प्रावधानों के आलोक में समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर दत्तक ग्रहण हेतु प्रदान किया गया है। दंपत्ति द्वारा लगभग 3 वर्ष पूर्व बच्चा गोद लेने हेतु आवेदन किया गया था। बालिका लगभग 4 माह पूर्व परित्यक्त अवस्था में पायी गयी थी।

उसके जैविक माता-पिता की खोज करने हेतु समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशन करवाया गया था, परंतु उसके माता-पिता का पता नहीं चल पाया। तत्पश्चात उसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के एडॉप्शन साइट पर पंजीकृत करवा दिया गया।

पश्चिम बंगाल के निःसंतान माता-पिता के द्वारा दत्तक ग्रहण में लेने हेतु सहमति दी गई, जिसके पश्चात 23 दिसंबर को दत्तक ग्रहण कमिटी की बैठक में दम्पति द्वारा समर्पित प्रमाण पत्रों एवं दत्तक ग्रहण हेतु उनके अभिरुचि की जांच की गई, और उन्हें दत्तक ग्रहण के लिए उपयुक्त पाया गया।

जिलाधिकारी यशपाल मीणा द्वारा दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण होने पर दत्तक माता पिता को उक्त बालिका को सौंपा गया। उक्त बच्ची को माता पिता को सौंपने से पूर्व जिलाधिकारी ने बच्ची को उपहार स्वरुप खिलौने भी प्रदान किए। इस अवसर पर सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई वैशाली, बाल संरक्षण पदाधिकारी, दत्तक ग्रहण संस्थान की समन्वयक तथा अन्य कर्मी उपस्थित थे।
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