अच्युतानंद ने प्रभु श्रीराम के अवतरण की अद्भुत कथा सुनाई

मानस में लक्ष्मण का चरित,त्याग व समर्पण की पराकाष्ठा-अच्युतानंद

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। पेटरवार प्रखंड के हद में अंगवाली के मैथानटुंगरी में आयोजित श्रीरामचरित मानस महायज्ञ के दूसरे दिन रात्रि प्रवचन के दौरान वाराणसी से पधारे मानस मर्मज्ञ अच्युतानंद महराज ने भगवान श्रीराम के जन्म व अवतरण के कारणों का बेबाक व्याख्या किया।

इस अवसर पर मानस मर्मज्ञ अच्युतानंद ने कहा कि राजा दशरथ के लिए श्रीराम जन्म हुआ, जबकि माता कौशल्या के प्रभु का अवतार हुआ। यह मानस कथा में वर्णित है।मानस मर्मज्ञ ने स्पष्ट किया कि एक बार नही कई बार राजा दशरथ को संतान न होने की ग्लानि सहनी पड़ी थी।

उन्होंने कहा कि ऐसे तो पूर्व में राजा मनु और सतरूपा को भगवान वरदान दे चुके थे कि कालांतर में स्वयं आपके पुत्र के रूप में जन्म लूंगा। मनु और सतरूपा स्वयं राजा दशरश व माता कौशल्या हैं। आचार्य ने इस प्रसंग में श्रीराम के जन्म लेने के अनेक कारणों का विश्लेषण किया। जिसमें मुख्य रूप से ब्राह्मण, गौ माता, देवता, संत की रक्षा तो दूसरी ओर अपने भक्त वत्सलों के उद्धार के लिए भी धरती पर भगवान आए।

उन्होंने कहा कि श्रीरामचरित मानस में भ्राता लक्ष्मण का चरित त्याग व समर्पण की पराकाष्ठा रही है। मानस में वर्णित भ्राता लक्ष्मण ने बड़े भाई प्रभु श्रीराम के प्रति जो समर्पण की भावना प्रस्तुत किया है, उसकी गहराई को समझने की जरूरत है। अच्युतानंद महराज ने इस प्रसंग का बेबाक विश्लेषण किया। वे धर्म संस्थान मैथानटुंगरी में आयोजित 27 वें सम्मेलन के चतुर्थ रात्रि प्रवचन कर रहे थे।

उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि चौदह वर्ष तक नारी, भोजन, निद्रा आदि का त्याग करके वन में भाई प्रभु राम भाभी सीता की अनवरत सेवा की है।मानस मर्मज्ञ ने कहा कि आज मानव समाज इस प्रसंग को जीवन में आत्मसात करें, तो परिवार में समाज में पूर्ण रूपेण शांति व्यवस्था स्थापित हो जायेगी। कहा कि आज भाइयों के बीच संपति की नही विपत्ति की बंटवारे की जरूरत है।

अयोध्या धाम से पधारी मानस माधुरी साध्वी लक्ष्मी रामायणी ने नारद मुनि पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि जो ज्ञान देता है वही नारद है। ज्ञान तलवार की धार है। इसे अपनाने में भक्ति का भाव उत्पन करना आवश्यक है।गिरिडीह से पधारे व्यास अनिल पाठक वाचस्पति ने अपने सहयोगी अमित आदि।

पाठक, सतीश मिश्र, बलदेव शरण, आनंद पंडित के साथ नित्य प्रातः मानस पाठ एवं रात्रि में मैथिली भाषा में भजन प्रस्तुत किया जा रहा है। डाक्टर देवाशीष ने प्रातः अल्पाहार,कशिश कुमारी एवं कमल मिश्रा द्वारा ब्यास टीम व् पाठ करने वालों के बीच फ्रूटी पेय का वितरण किया गया। समिति के पदाधिकारी आयोजन की व्यवस्था में पूरी तरह सक्रिय हैं।

 

 74 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *