रांची। राजधानी रांची के बाजार में सिक्कों की बढ़ती संख्या एक बार फिर सिक्कों के काला कारोबार की ओर से आगे बढ़ रही है। राजधानी में सिक्कों के दलाल सक्रिय हो चुके हैं। आधे से भी कम कीमत में वे इन सिक्कों को देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने को तैयारी है। बैंक इन सिक्कों को लेने को तैयार नहीं। बाजार में भी सिक्के चल नहीं रहे हैं।
अब आखिर व्यवसायी करें तो क्या करें। 10 लाख तक के सिक्के आधे से भी कम कीमत में बाजार से उठाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के अलावा बंगाल और ओड़िसा में इसकी सप्लाई की जा रही है। इसकी खबर न आरबीआई को है और न ही बैंकों को। अपर बाजार से लेकर अन्य मार्केट में सिक्कों के दलाल राची में सक्रिय हो चुके हैं। रांची पुलिस को भी इस मामले की भनक लग चुकी है।
सिक्कों की सप्लाई किलो के हिसाब से की जा रही है। यहां मूल्य का निर्धारण सिक्कों के जरिए ही किया जा रहा है। इसमें 1 और 2 रूपये के सिक्कों का ज्यादा प्रयोग हो रहा है। जबकि पांच और 10 के सिक्कों को अभी भी व्यवसायियों ने संभाल कर रखा है।
दुकानदार सिक्का लेने को तैयार नहीं है। 1 और 2 के सिक्के सबसे ज्यादा परेशान कर रहे हैं। सब्जी बाजार से लेकर बडे़ दुकानदार तक अब इन सिक्कों को लेने से साफ तौर से मना कर दे रहे हैं। 1 और 2 के सिक्कों की ही संख्या बाजार में सबसे अधिक है। इसके अलाव 5 और 10 रुपये के सिक्कों ने भी परेशानी बढ़ाई हुई है।
अपर बाजार के व्यवसायियों ने सिक्कों को बोरों में रखकर रखा है। कई बार सभी बोरे के साथ बैंक में पहुंच कर जमा करने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन किसी तरह का कोई फायदा नहीं हुआ है। छोटे कारोबारियों के पास भी 20 से 40 हजार के सिक्के पडे़ हुए हैं।
बैंकों ने नहीं लगाया सिक्का मशीन एसबीआई की ओर से सिक्का जमा करने के लिए मशीन लगाने की योजना बनाई गई थी। मशीनें तो आ गई हैं, लेकिन उन्हें लगाया नहीं गया है। बैंकों का साफ कहना है कि जबतक पहले का स्टॉक सिक्के का बैंक से खाली नहीं होता तबतक मशीनें लगाने का कोई औचित्य नहीं है।
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