जांच शुरू, जल्द होंगे कानून के शिकंजे में
दिल्ली, 16 मई 2021 : अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ते हुए क्रिप्टो करेंसी के रेट्स ने लोगों में लालच बढ़ा दी है और जल्दी अमीर बनने के लिए इस नकली स्कीम में निवेश करके लाखों भारतीयों ने अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को गवा दिया है, भारतीय मुद्रा नियामक रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया और केंद्र सरकार ने क्रिप्टो करेंसी को देश में गैरकानूनी बताया है और वित्तीय योजना सलाहकारों ने भी क्रिप्टो करेंसी अमान्य क़रार दिया है, लेकिन नकली और पोंजी क्रिप्टो करेंसी देश में आसानी से फल-फूल रही है और उसके आविष्कारक अपने शातिराना कार्य प्रणाली से देश भर में यह योजना चला रहे है ऐसा में एनफोर्समेंट एजेंसिया लगातार इनके खास मोडस ओपेरंडी पर नज़र बनाये हुए है, हाल के समय मे इस पोंजी और नकली क्रिप्टो करेंसी के खेल को उसका मास्टरमाइंड इस गोरखधंधे को अपने मौत की झूठी कहानी बनाकर आसानी से चला रहा है, आपको बता दें के इस नकली मौत की कहानी पोंजी धंधे के मास्टरमाइंड ने Covid19 के पहले लहर में ही बना लिया था, और मौत की खबर फैलाने के बाद यह गोरखधंधा बिना रुके आसानी से अपने क्राइम पार्टनरों के साथ मिल किया जा रहा है, लेकिन कुछ ही दिनों में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया को इनके द्वारा पोंजी क्रिप्टो स्कीम के ठगी के शिकार हुए कुछ लोगो से शिकायतें मिलने लगी जिसके बाद जानकारी लगते ही RBI ने जांच एजेंसियों को अलर्ट कर दिया, सूत्रों के अनुसार इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड, ESPN Global का मालिक राम निवास पाल (जिसकी कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है) और इसके कई क्राइम पार्टनर हैं जो कि प्रवर्तन जांच एजेंसियों के स्कैनर पर चढ़ चुके है कभी भी इनपर करवाई हो सकती है.
जांच में पता चला है कि यह घोटाला तब उजागर हुआ जब पंजाब के मुख्यमंत्री को आम लोगो द्वारा लगातार शिकायतें मिलनी शुरू हुई, शिकायत मिलते ही पंजाब के डीजीपी को तुरंत हरकत में आने के लिए कहा है और इस पोंजी क्रिप्टो स्कीम को जिसे ESPN Global संचालित कर रहा है उसपर तत्काल करवाई करने का आदेश दिया गया ताकि आम लोगो को इस अवैध धंदे का शिकार होने से बचाया जा सके, सूत्रों से जानकारी के अनुसार पंजाब पुलिस ने ESPN GLOBAL और LIBRA COIN (VIRTUAL CURRENCY) के इस गोरखधंधे पर नकेल कसने के लिए साइबर सेल और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का भी गठन किया है.
जांच के दौरान पंजाब एस आइ टी ने पाया कि ESPN GLOBAL ही इस फ़र्ज़ी क्रिप्टो कर्रेंसी को संचालित करता है और इसका मालिक राम निवास पाल है जो कि SPEAK ASIA का भी मालिक है, सूत्रों ने बताया कि जांच में यह भी पता चला है कि राम निवास पाल COVID 19 के कारण मर चुका है, लेकिन जांच अधिकारियों को इस फ़र्ज़ी मौत की भनक लग चुकी थी और कुछ ही दिनों में इस नकली मौत का फर्जीवाड़ा उजागर हो गया जिसमें पता चला कि राम निवास पाल पर स्पीक एशिया का प्रमोटर रहने के दौरान उसपर बहुत से मामले दर्ज है जिससे बचने के लिए उसने अपने मौत की मनघडंत कहानी बना ली ताकि जांच एजेंसियां बार बार परेशान ना करें, लगभग दशक पहले जांच राम निवास पाल और स्पीक एशिया के सीईओ मनोज शर्मा को हजारो करोड़ रुपए के चीटिंग के मामले में दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, स्पीक एशिया नामक कंपनी सिंगापुर में रजिस्टर्ड है लेकिन उसका संचालन सिर्फ भारत मे ही होता है. राम निवास पाल अपने सर्किल के लोगो मे अपने इनोवेटिव मोडस ओपेरंडी के लिए प्रचलित था, दशकों पहले उसने शातिराना तरीके से पोंजी स्कीम का गठन किया, ESPN GLOBAL भी वर्चुअल करेंसी इनोवेटिव स्कीम है जिसने वास्तविक मुद्रा की रेस में अपनी जगह बना ली थी.
अगर राम निवास की मौत हो चुकी है तो कंपनी कौन चला रहा है ? जांच अधिकारियों ने पाया कि पोंजी क्रिप्टो स्कीम अब करण द्विवेदी चला रहा है करण पर भी घोटाले के कुछ मामले दर्ज हैं. जांच सूत्रों से यह भी पता चला है कि नंदा नामक शख्स जो कि उत्तर भारत और हर्ष अग्रवाल ये दोनों ही फ़र्ज़ी वर्चुअल करेंसी और लिब्रा कॉइन के मुख्य संचालक हैं
नाम ना छापने की शर्त पर ESPN Global के पूर्व अधिकारी ने बताया कि पहले की स्पीक एशिया और ESPN Global के लोग आपस मे हाथ मिलाएंगे और frontline ऑपरेटर के तौर पर नए लोगो को जोड़कर कथित तौर पर आभासी और आकर्षक कर्रेंसी योजना बनाकर नकली वीडियो और वेबसाइट का सहारा लेकर बड़ी ही चालाकी से लोगो को चुना लगाया गया और आर्थिक हानि पहुचाई है, प्रवर्तन जांच एजेंसी ने ऐसी कंपनी के फर्जीवाड़े के दस्तावेज जुटाने शुरू कर दिए है और जल्द ही फ़र्ज़ी स्कीम चला रही कंपनी के ऑपरेटर पर कानूनी करवाई करेगी, जांच एजेंसियों से यह भी पता चला है कि राम निवास पाल, करण द्विवेदी, डॉ. हर्ष अग्रवाल और उनके करीबी क्राइम पार्टनर को पकड़ने के लिए टीम बनाई गई है, इस मामले में ESPN Global के लोगो ने कोई ऑफिसियल कमेंट नही किया.
इंटरनेट युग आने से क्रिप्टो कर्रेंसी सबसे बड़ी तकनीकी सफलताओं में से एक कहा जाता है, यह एक विकेंद्रीकृत भुगतान प्रणाली है, जो कि किसी विश्वसनीय तृतीय पक्ष जैसे बैंक या वित्तीय संस्थान की आवश्यकता के बिना वेब पर एक दूसरे को मुद्रा भेजने की सुविधा देती है भारत में आरबीआई केंद्रीय वित्त मंत्रालय और सेबी ने लोगों को क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ चेतावनी दी है वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वर्चुअल करेंसी भी लीगल टेंडर नहीं है इसलिए वी सी मुद्राएं नहीं है आरबीआई ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी इकाई या कंपनी को बिटकॉइन आशिकी वर्चुअल करेंसी के संचालन किया लेनदेन के लिए कोई लाइसेंस नहीं दिया है..
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