एस.पी.सक्सेना/बोकारो। सीसीएल के कथारा कोल वाशरी में वर्षो से कार्यरत 14 निजी सुरक्षा गार्डो में सात सुरक्षा गार्डो को प्रबंधन ने एक जून से बैठने का आदेश निर्गत किया है। वाशरी में कार्यरत कुल 49 निजी सुरक्षा गार्डो में हटाये गए सात सुरक्षा गार्डो के समक्ष दो जून की रोटी के लाले पड़ने लगा है। हटाये गए सुरक्षा गार्डो में एक ऐसा गार्ड भी है जिसने अबतक अपने इलाज में सबकुछ गवायाँ ही है। अब उसके समक्ष रोजी रोटी के अलावा अपने इलाज कराने की भी चिंता सताने लगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कथारा कोल वाशरी में कार्यरत 3340/सत्यवीर सिंह यादव सुरक्षा एजेंसी के मातहत कुल 49 गार्ड सेवारत थे। जिसमें हटाये गए 14 सुरक्षा गार्डो में सात गार्डो (विश्वनाथ प्रसाद यादव, खुर्शीद आलम, बानेश्वर प्रजापति, मुकेश कुमार यादव, बिनोद कुमार यादव, सुनील ठाकुर तथा रोहित लाल यादव बी) को एक जून से कार्य करने की सहमति कथारा क्षेत्रीय प्रबंधन ने दे दी है। जबकि सुरक्षा गार्ड भिभिषण यादव, बैजनाथ प्रजापति, दीपचंद यादव, काशी यादव, छोटन गोप, दिनेश यादव तथा खेमलाल रजवार को हटाये जाने पर सहमति दी है।
सुरक्षा एजेंसी द्वारा हटाये जाने से मायूस छोटन गोप ने जगत प्रहरी से विशेष भेंट में अपने पेट का ऑपरेशन दिखाते हुये बताया कि वह 14 जनवरी 2009 को कथारा वाशरी में ड्यूटी के दौरान अचानक पेट दर्द होने के बाद सहयोगियों की मदद से सीसीएल के कथारा क्षेत्रीय अस्पताल ले जाया गया। जहाँ स्थिति की गंभीरता को देखते हुये उसे डीवीसी के बोकारो थर्मल अस्पताल ले जाया गया।
वहां के चिकित्सको की सलाह पर उसे रांची के सेवासदन अस्पताल ले जाया गया। लेकिन स्थिति में सुधार नही होने के कारण उसे अपोलो अस्पताल इरवा रांची ले जाया गया। जहाँ चिकित्सको ने उसके पेट को चीरकर उसे ठीक किया। इस क्रम में उसके इलाज में तीन लाख से अधिक खर्च हो गया। गोप के अनुसार उसके इलाज में न तो यहां कार्यरत सुरक्षा एजेंसी और न ही सीसीएल प्रबंधन द्वारा उसे इलाज खर्च में किसी प्रकार का कोई मदद मिला। गोप ने बताया कि उसके इलाज खर्च में उसे अपने महत्वपूर्ण छह डिसमिल जमीन बेचना पड़ा। अब प्रबंधन द्वारा उसे बैठा दिये जाने के आदेश से उसके शमक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
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