RCF पुलिस ने कराया शव का पोस्टमार्टम
मुश्ताक खान/ मुंबई। कलयुगी मां अपने डेढ़ साल के दुधमुहे बच्चे को छोड़कर भाग गई। पत्नी रूपाली दिनेश यादव के घर से भाग जाने के कारण पति दिनेश यादव ने आत्महत्या कर अपनी जीवनलीला को समाप्त कर लिया। इन दोनों से एक डेढ़ साल का लड़का और करीब तीन साल की एक बेटी भी थी। पलंबर का काम करने वाला दिनेश के घर का दरवाजा रविवार को करीब 10 बजे तक नहीं खुला तो उसके भाई नितिन सुरेश यादव ने पहले दस्तक दी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने के कारण उसने दरवाजे को जोर से धक्का मारा तो अंदर का नजारा देखकर दंग रह गया। उसने आनंन फानंन में कंट्रोल को फोन कर पुलिस को बुला लिया।
आरसीएफ (RCF) से मिली जानकारी के अनुसार वाशीनाका (Vashianak) के कस्तूरबानगर (Kasturba Nagar) में रहने वाली रूपाली दिनेश यादव उम्र करीब 28 से 30 साल अचानक अपने दोनों बच्चे व पति को छोड़कर भाग गई। छोटे लड़के की उम्र डेढ़ साल व बेटी की उम्र करीब तीन साल बताई जा रही है। दिनेश यादव पेशे से पलंबर था। रविवार की सुबह दिनेश के घर का दरवाजा नहीं खुला तो उसके भाई नितिन सुरेश यादव ने सोचा की शायह भाई को नींद लग गई होगी। इस लिहाज से उसने थोड़ा और इंतजार किया।
करीब 10 बजे दिन में नितिन ने दिनेश को जगाने के ख्याल से उसके घर का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कुछ जवाब नहीं मिलने के कारण उसने दरवाजे को जोर से धक्का मारा तो दरवाजा खुल गया। अंदर का माजरा देखकर वह चौंक गया। क्योंकि उसका भाई पंखे से लटका हुआ था। इसे देखते हुए नितिन ने आनंन -फानंन में पुलिस को फोन कर दिया। कंट्रोल से फोन आते ही आरसीएफ पुलिस स्टेशन में तैनात एपीआई अन्ना पवार और सागर कालेकर दल -बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे।
इस दौरान वाशीनाका के मॉडल हाई स्कूल स्थित कस्तूरबा के रहिवासियों का वहां जमघट लग गया। पुलिस ने दिनेश सुरेश यादव (35) के शव के साथ दोनों बच्चों का शव अपने कब्जे में लेकर उसे पोर्स्टमाटर्म के लिए घाटकोपर के राजावाडी हॉस्पिटल भेज दिया। यहां डॉक्टरों ने दिनेश यादव व दोनों मासूम बच्चों को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पोस्टर्माटम से पता चला की फांसी लगाने के कारण दिनेश की मृत्यु हुई है। जबकि राजावाडी (Rajawadi Hospital) के डॉक्टरों ने दोनों बच्चों की मौत का कारण सुरक्षित रखा है।
पुलिस की छानबीन से पता चला है की रूपाली दिनेश यादव इससे पहले दो बार अपने किसी यार के साथ भाग चुकी है। जिसे दिनेश ने माफ कर दिया था। लेकिन शनिवार को रूपाली कब और किसके साथ भागी है इसका पता अभी तक नहीं चला है। आरसीएफ पुलिस के एपीआई अन्ना पवार और सागर कालेकर आगे की जांच कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार रूपाली के बड़े -बड़े सपने थे। वह चाहती थी की और लोगों की तरह उसके पास भी काफी पैसा हो, ताकि साप्ताहिक अवकाश के समय वह भी अपने बच्चे व पति के साथ तफरीह के लिए होटलों में जाया करे। लेकिन दिनेश पलंबर का काम करता था। महंगाई के इस दौर में वह किसी तरह अपना व अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही था। यह बात रूपाली को पसंद नहीं थी। इस बीच उसे कोई दोस्त मिल गया और शायद वह उसी के साथ एक दो नहीं तीन बार भाग चुकी थी। जिसे दिनेश ने बच्चों का मुंह देखकर माफ कर दिया था।
477 total views, 2 views today