चाय नहीं यह आम व् खास जनों की चाहत है-भाई प्रमोद सिंह
एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो स्टील सिटी रेलवे स्टेशन के समीप स्थित एक निराले नेताजी की बात और उनके दुकान की चाय हीं निराली है। नेताजी की चाय दुकान में दिन हो या रात रेल यात्रियों, रहिवासियों, छोटे बड़े वाहन चालकों सभी के लिए चाय उपलब्ध रहता है।
बोकारो स्टील सिटी रेलवे स्टेशन के समीप स्थित बजरंग बली मंदिर के सामने स्थित सुभम चाय स्टॉल का संचालन स्वयं नेताजी उर्फ भाई प्रमोद सिंह करते हैं। पूर्व में उनका चाय दुकान स्टेशन परिसर के जीआरपी थाना के ठीक पीछे स्थित एक वृक्ष के निचे झोपड़ीनुमा दुकान में था, जहां दिनभर चाय पिनेवालो का भीड़ लगी रहता था। स्टेशन विस्तार के कारण नेताजी को वहां से अपनी दुकान को हटाना पड़ा था।
अब वे स्टेशन के समीप मंदिर के सामने चाय बेचने का कार्य करते हैं। 55 वर्षीय नेताजी में आज भी पूर्व की भांति आमजनों की सेवा भाव बरकरार है। वे ऐसे हीं नेताजी नहीं कहलाये। उन्होंने वर्ष 2009 तथा वर्ष 2014 में बोकारो से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि उन्हें दोनों बार हार का सामना करना पड़ा, बावजूद इसके आज भी उनमें नेतागिरी की ठसक बरकरार है। वर्तमान में वे राष्ट्रीय जनता दल के चंदनकियारी क्षेत्र प्रभारी व् बोकारो जिला उपाध्यक्ष हैं।
बिहार प्रांत की राजधानी पटना के हद में पुनपुन प्रखंड के अइलीन गांव में जन्मे नेताजी भाई प्रमोद पिछले 40 साल से यहां चाय बेचकर अपना तथा अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। नेताजी भाई प्रमोद के अनुसार पूर्व में जब उन्होंने यहां चाय बेचना प्रारंभ किया था तब इस स्टेशन का नाम माराफारी था, जो बाद में बोकारो स्टील सिटी स्टेशन में परिवर्तित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि उन्होंने सबसे पहले आज से लगभग 40 साल पूर्व यहां प्रति कप 60 पैसा चाय बेचना शुरु किया था। आज प्रति कप 10 रुपया है।
उन्होंने बताया कि पहले चाय कप तथा शीशा के ग्लास में पुरा भरकर दिया जाता था। आज उससे आधा यानि मिट्टी के बर्तन अथवा कागज के बने कप में दिया जाता है। नेताजी के अनुसार पहले चाय पीने तथा पिलाने में जो संतुष्टि मिलता था आज उसमें काफी कमी आ गयी हैं। सभी जल्दबाजी में हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2009 तथा 2014 में बोकारो से बतौर निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े थे, तब उनका चुनाव चिन्ह भी चाय की केतली चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराया गया था। नेताजी के अनुसार यहां केवल चाय नहीं बल्कि आमजनों को उनका चाहत है।
नेताजी के अनुसार उनके दो पुत्र है, जिसमें बड़ा पुत्र सुभम कुमार सिंह बीए की पढ़ाई कर रहा है, जबकि छोटा पुत्र सत्यम कुमार सिंह केमिकल इंजिनियरिंग में डिप्लोमा कर रहा है। वे माराफारी कैंप भवन स्थित निजी आवास में पुरे परिवार के साथ रहते है। उन्होंने बताया कि वे बजरंग बली के भक्त है और उनका मुख्य कार्य जनसेवा है। इसलिए वे स्टेशन के समीप स्थित संकट मोचन मंदिर कमिटी के अध्यक्ष हैं। साथ हीं चुनाव हारने के बाद उन्होंने राजद पार्टी के माध्यम से जनसेवा से जुड़े हैं।
सच में नेताजी भाई प्रमोद के जज्बे और परिश्रम को देखकर स्वतः ही उनके प्रति आदर भाव जग जाता है। उनकी तरह यदि इंसान परिश्रम करे तो दुनियां में तमाम तरह की खुशियाँ पाना संभव है। इसलिए कहा भी जाता है कि कौन कहता है कि आसमान में सुराख़ नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो।
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