एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड आंदोलनकारी महासभा, आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच एवं शहीद देवेंद्र मांझी फाउंडेशन के तत्वाधान में 14 अक्टूबर को शहीद देवेंद्र मांझी के पुण्यतिथि के अवसर पर डोरण्डा स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
माल्यार्पण कार्यक्रम का आयोजन महासभा के अध्यक्ष राजू महतो, आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक एवं शहीद देवेंद्र मांझी फाउंडेशन के सचिव प्रवीण केरकेट्टा के नेतृत्व में किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महासभा के अध्यक्ष राजू महतो ने कहा की झारखंड अलग राज्य का निर्माण लंबे त्याग और संघर्ष के साथ- साथ अनेको कुर्बानियां दी गई, तब जाकर राज्य का निर्माण हुआ। शहीदों के श्रृंखलाओं में शाहिद देवेंद्र मांझी का नाम सर्वोपरि है। उन्होंने झारखंड के आदिवासी मूलवासी जनता के लिए जल, जंगल, जमीन की लड़ाई एवं उनके मालिकाना हक दिलाने की लड़ाई लड़ी।
आज भी अलग राज्य निर्माण के 24 वर्ष बाद आदिवासी मूलवासी जनता की भावना के अनुरूप एवं शाहिद देवेंद्र मांझी के सपनों का झारखंड नहीं बन पाया है। ना ही अलग राज्य निर्माण के इस महान सपूत को अभी तक शाहिद का दर्जा नहीं दिया जाना अत्यंत शर्मनाक है। महतो ने सरकार से मांग की है कि शाहिद देवेंद्र मांझी को सरकारी स्तर से शहिद का दर्जा अविलंब दिया जाए एवं शाहिद मांझी का गगनचुंबी प्रतिमा स्थापित किया जाए।
इस अवसर पर आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने कहा कि झारखंड के इस वीर सपूत ने अपनी प्राणों की आहुति देकर बलिदान देने का एक मिसाल कायम किया है, जिसे झारखंड की जनता कभी भी नहीं भूल सकती है। झारखंड में आदिवासी मूलवासी जनता के सपनों का झारखंड बनाने के लिए हम सब कृत संकल्पित हैं। यही शहिद देवेंद्र मांझी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
नायक ने कहा कि अगर राज्य सरकार शहिद मांझी की आदमकद प्रतिमा नहीं लगाती है तो आने वाले दिनों में आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच की ओर से एक भव्य और विशाल आदमकद प्रतिमा देवेन्द्र मांझी चौक पर वीर मांझी का लगाया जायेगा। उन्होंने चौक का भी अविलंब सुंदरीकरण की मांग की है। कहा कि मेकन ब्रिज के निर्माण के दौरान चौक जहां तहां से क्षतिग्रस्त हो चुका है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फाउंडेशन के सचिव परवीन केरकेट्टा ने कहा कि शहिद मांझी के सपनों को साकार करने के लिए हम सभी उनके बताये मार्ग पर चलने को हमेशा अग्रसर रहेंगे। इसमें कोई कोर कसर नहीं रहेगा। कार्यक्रम में बिरसा मुंडा, गुमड़ा उरांव, विधु उरांव, विजय उरांव, ढूंढे प्रधान, गगन महतो, संजू राणा मुंडा, यासीन अंसारी, सुनील कुमार, राणा जफर अली सहित दर्जनों गणमान्य उक्त माल्यार्पण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
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