खतरनाक हैं मुंबई के 6 रेलओवर ब्रिज


मुंबई। अंधेरी गोखले ब्रिज की घटना के बाद ट्रैक को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने के लिए 445 पुलों का निरीक्षण किया जा रहा है। इसी कड़ी में पश्चिम रेलवे ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। पश्चिम रेलवे द्वारा मनपा से कुल 6 रेलओवर ब्रिज (आरओबी) दोबारा बनाने या ढांचों को मजबूत करने के लिए कहा गया है। इनमें से लोअर परेल स्थित डिलायल रोड ब्रिज का नाम भी शामिल है।

लोअर परेल ब्रिज को किसी भी तरह के यातायात परिचालन के लिए बंद किया जाना है। इसमें फुटपाथ का हिस्सा भी शामिल है। आईआईटी, मनपा और पश्चिम रेलवे द्वारा किए गए संयुक्त निरीक्षण के बाद यह फैसला लिया गया है। लोअर परेल ब्रिज के अलावा ग्रांट रोड स्थित फरेरे आरओबी, मुंबई सेंट्रल का बेलासिस आरओबी, दादर का तिलक आरओबी, प्रभादेवी का करोल आरओबी और महालक्ष्मी का मौजूदा आरओबी शामिल है।

लोअल परेल में डिलायल रोडओवर ब्रिज के नाम से ट्रैक पर 64 डिग्री के मोड़ पर एक पुल है। इस ब्रिज का 17 जुलाई को निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के बाद आईआईटी ने प्राथमिक रिपोर्ट में इसे बंद करने का निर्देश दिया है। यह रिपोर्ट पश्चिम रेलवे और बीएमसी दोनों को 20 जुलाई को दे दी गई है। रिपोर्ट के बाद पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों को ब्रिज बंद करने के बारे में सूचित कर दिया गया है।

ब्रिज का भविष्य निर्धारित करने के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा जानकारों की राय ली जा रही है। इस ब्रिज के निर्माण के लिए स्ट्रक्चरल इंजिनियर और जानकारों के सुझाव मांगे जा रहे हैं। इस संबंध में सोमवार को पश्चिम रेलवे के कार्यालय में जानकार एजेंसियों को प्रेजेंटेशन देने के लिए दोपहर 2 बजे आमंत्रित किया गया है। सन 1921 में बना डिलायल रोडओवर ब्रिज 62.72 मीटर है, जबकि 23.2 मीटर चौड़ा है। निरीक्षण में पता चला है कि इस आरओबी के क्रॉस गर्डर में गहरी जंग लगी है, जिस कारण इसे बदलना जरूरी है।

गत 21 जुलाई को मनपा द्वारा पत्र लिखा गया, जिसमें कहा गया है कि रेलवे के क्षेत्राधिकार में रेलवे द्वारा काम किया जाए। इस पत्र के जवाब में पश्चिम रेलवे द्वारा लिखा गया है कि बीएमसी अपने स्तर पर जल्द से जल्द बिज्र की निर्माण प्रक्रिया शुरू करे। इस संबंध में रेलवे से समन्वय करें। इस मुद्दे पर बातचीत की प्रक्रिया अभी भी जारी है। इससे पहले वसई रोड, अंधेरी, मालाड ब्रिज के हिस्सों या पूरी तरह से बंद किया जा चुका है। इनके पुर्ननिर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं। चर्नी रोड और नवपाड़ा ब्रिज के संबंध में भी निविदा निकाली जा चुकी हैं।

सभी पुलों का निरीक्षण दो स्तर पर किया जा रहा है। रात के समय में रेलवे के जानकारों की टीम टॉवर वैगन के सहारे निरीक्षण करती है, जबकि मनपा और आईआईटी की टीम अलग से निरीक्षण करती है। पश्चिम रेलवे के ट्रैक से गुजरने वाले कुल 145 ढांचे होते हैं। यह शहर के पूर्वी क्षेत्र को पश्चिमी क्षेत्र से जोड़ते हैं। पश्चिम रेलवे के उपनगरीय ट्रैक पर कुल 29 आरओबी का निरीक्षण किया जाना है। इनमें से 8 पुलों का निरीक्षण हो चुका है।

 


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