सर्वाइकल प्री-कैंसर ग्रस्त 10 मरीजों को मिला नया जीवनदान

उपायुक्त ने मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर का किया उद्घघाटन

सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। झारखंड सर्वाइकल कैंसर मुक्त देश का पहला राज्य बनने की ओर अग्रसर है। वीमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए झारखंड, स्वास्थ्य विभाग एवं वन विभाग झारखंड सरकार तथा सेल प्रबंधन गुवा के संयुक्त तत्वधान में पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में गुवा क्लब में 14 जून को मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।

जानकारी के अनुसार उक्त कार्यक्रम की अगुआई अध्यक्ष वीमेन डॉक्टर्स विंग आईएमए झारखण्ड व पूर्व सह-अध्यक्ष वीमेन डॉक्टर्स विंग राष्ट्रीय आईएमए डॉ भारती कश्यप अपने डाक्टर्स टीम के साथ कर रही थी।

शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि पश्चिम सिंहभूम जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी और विशिष्ट अतिथि उप-विकास आयुक्त संदीप मीणा द्वारा किया गया। समारोह में सिविल सर्जन चाईबासा डॉ साहिर पॉल, गुवा सेल के मुख्य महाप्रबंधक कमल भास्कर और डीएफओ सारंडा वन प्रमंडल अविरूप सिन्हा उपस्थित थे।

ज्ञात हो कि उक्त कैंप मुख्य रूप से झारखंड में सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर उन्मूलन की ओर केन्द्रित था। डॉ कश्यप पिछले 10 वर्षों से लगातार झारखंड को सर्वाइकल कैंसर से मुक्त करने के लिए प्रयासरत हैं। इस अभियान के तहत राज्य के 14 बड़े सरकारी अस्पतालों में जननांग संबंधी सूजन की पहचान एवं सर्वाइकल प्री-कैंसर के इलाज के लिए डिजिटल वीडियो कोल्पोस्कोप एवं क्रायो मशीन लग चुकी है।

विदित हो कि इससे पहले वर्ष 2013 और 2016 में भी उन्होंने सारंडा क्षेत्र के दूर-दराज के गांवों में दृष्टि सुरक्षा अभियान के तहत लाखों की संख्या में सरकारी स्कूल के बच्चों और बूढ़े बुजुर्गों के नेत्रों की जाँच की थी। हजारों बच्चों एवं बुजुर्गों को मुफ्त चश्मा भी दिया गया था। इतना ही नहीं सैंकड़ों बच्चों की मोतियाबिंद ऑपरेशन कर उन्हें पुनः स्कूल भेजा गया।

संथाल परगना के दूर दराज के गांवों में मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करने के बाद वीमेन डॉक्टर्स विंग ने पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा क्षेत्र में कैंप लगाने पर अपना फोकस किया है। इसे लेकर 14 जून को सारंडा क्षेत्र अंतर्गत सेल अस्पताल गुवा में मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया है।

इसके बाद लगातार नोवामुंडी, किरीबुरू और चक्रधरपुर में भी क्रमशः ज्योति सुरक्षा अभियान एवं जननी सुरक्षा अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए मेगा स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे।

इस अवसर पर डॉ भारती कश्यप ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य इलाके की आदिवासी जनजातीय एवं गरीब तबके की महिलाओं को जननांग संबंधी समस्याओं से मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि संथाल परगना के गांवों में कैंप लगाने के बाद सारंडा क्षेत्र में महिला डॉक्टर विंग इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपना फोकस किया है।

गुवा कैंप के बाद लगातार नोवामुंडी, किरीबुरू और चक्रधरपुर में भी क्रमशः ज्योति सुरक्षा अभियान एवं जननी सुरक्षा अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए मेगा स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य इलाके की आदिवासी, जनजातीय एवं गरीब तबके की महिलाओं को जननांग संबंधी समस्याओं से मुक्त करना है, क्योंकि जननांग सम्बन्धी सूजन ही आगे चलकर सर्वाइकल प्री कैंसर का रूप लेती है।

यही आगे चलकर सर्वाइकल कैंसर बन जाता है। कहा कि हमारा उद्देश्य जननांग सम्बन्धी सूजन की शत प्रतिशत महिलाओं को सही चिकित्सा उपलब्ध कराना एवं सर्वाइकल प्री कैंसर को क्रायो उपचार द्वारा जड़ से ख़त्म करना है, ताकि झारखंड सर्वाइकल प्री कैंसर मुक्त राज्य बन सके।

डॉ कश्यप ने कहा कि वर्ष 2014 से ही झारखंड के करीब करीब सभी सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों को दिल्ली और कोलकाता के कैंसर स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा डिजिटल वीडियो कोल्पोस्कोप द्वारा जांच एवं क्रायो उपचार का प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही प्रत्येक मेगा महिला शिविर में 30 से 40 सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों को डिजिटल वीडियो कोल्पोस्कोप एवं क्रायो मशीन का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि जरूरतमंद महिलाओं की जांच एवं इलाज में कोई रुकावट न आए।

बार-बार दिए जाने वाले प्रशिक्षण से अब उन्हें ओपीडी में गर्भाशय ग्रीवा की सूजन यानि पेल्विक इन्फ्लामेट्री डिजीज, सर्वाइकल प्री कैंसर की वीआईए, भील्ली जाँच और क्रायो उपचार में उतना वक़्त नहीं लगता है, जितना पहले लगता था। इस तरह वीमेन डॉक्टर्स विंग द्वारा प्रशिक्षित सरकारी स्त्री रोग विशेषज्ञों का एक बहुत बड़ा नेटवर्क राज्य में तैयार किया गया है।

मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर के आयोजकों विमेन डॉक्टर्स विंग एवं डीएफओ (सारंडा वन प्रमंडल अविरूप सिन्हा द्वारा उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम कुलदीप चौधरी, उप-विकास आयुक्त संदीप मीणा, सिविल सर्जन डॉ साहिर पॉल, सेल सीजीएम कमल भास्कर, सेल अस्पताल गुवा के वरीय चिकित्सक संयुक्त निदेशक डॉ सी के मंडल, डॉ बिप्लव दास, सदर अस्पताल, जमशेदपुर व चाईबासा के चिकित्सा पदाधिकारीगण सहित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी विजय कुमार एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक रोहित कुमार को सम्मानित किया गया।

कैंप में कुल 500 महिला मरीजों की जाँच की गई। जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत महिलाओं में जननांग संबंधी सूजन पाया गया। उन्हें इसकी दवा दी गई। वीआईए और भील्ली पॉजिटिव दस महिलाएं मिली, जिनमे सर्वाइकल प्री-कैंसर के लक्षण मिले। जिन्हें कैंप स्थल पर ही कोल्पोस्कोप गाइडेड क्रायो ट्रीटमेंट देकर सर्वाइकल प्री कैंसर से मुक्त किया गया।

सर्वाइकल पॉलिप की 5 महिलाएं मिली और पायोमेट्रा से ग्रसित की दो महिलाएं मिली। साथ ही शिविर में आने वाली सभी महिलाओं को एक महीने की आयरन फोलिक एसिड एवं कैल्शियम की गोलियां मुफ्त बांटी गयी।

इस अवसर पर उपायुक्त चौधरी ने कहा कि वे सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर उन्मूलन के लिए गंभीर है। वूमेन डॉक्टर्स विंग ने इस भीषण गर्मी में सैंकड़ों महिलाओं की जांच एवं इलाज में काफी तत्परता दिखाई है। उन्होंने कहा कि आगे भी नोवामुंडी और चक्रधरपुर के कैंप में प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग किया जाएगा।

डीडीसी ने सारंडा के दूरस्थ क्षेत्र में लगाए जाने वाले शिविर की सराहना की और कहा कि भविष्य में भी इस तरह का आयोजन होना चाहिए। सिविल सर्जन डॉ पॉल ने कहा कि देश में हर साल 67 हजार महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से दम तोड़ देती हैं। सर्वाइकल कैंसर भारत में फैले सभी प्रकार के कैंसर में दूसरे सबसे आम नंबर का कैंसर है। कैंसर का यह प्रकार सबसे अधिक प्रेवेंटेबल और सफलतापूर्वक ठीक किए जाने वाला कैंसर है।

कार्यक्रम के आयोजन में गुवा वन क्षेत्र पदाधिकारी परमानन्द रजक के साथ उनके टीम व स्वास्थ्य विभाग के डॉ तुबा ईमब्राईन, पोलीना मुँडू, डॉ शबनम टोप्पो, डॉ रशीन लकड़ा, डॉ सरिता जामुदा, डॉ मीनू कुमारी, डॉ प्रियंका कंडुलना, डॉ जयश्री पारधीया के साथ स्वास्थ्य विभाग के विजय कुमार, मनोज मार्शल, अजमान अजीम, रोहित कुमार, अवनीश कुमार सिन्हा, भीष्म प्रधान, ओम प्रकाश ठाकुर, डॉ शबनम टोप्पो व डॉ हरेन्द्र सिंह मुंड की प्रबल भागीदारी रही।

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