रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। रामगढ़ के भूतपूर्व कांग्रेस विधायक यमुना प्रसाद रहे राजनीतिक गुरु, कांग्रेस पंचायत अध्यक्ष व बाद में हजारीबाग जिलाध्यक्ष भी बने। वर्ष 2007 में की थी गोमियां विधानसभा क्षेत्र में आजसू पार्टी से राजनीतिक जीवन की शुरुआत। पहली बार वर्ष 2009 में लड़े विधानसभा चुनाव और टक्कर में रहे थे।
दूसरी बार वर्ष 2014 में आजसू से टिकट नहीं मिलने पर झामुमो से लड़े चुनाव, लगभग 40 हज़ार मतों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी माधवलाल सिंह को हराया। 3 साल बाद ही वर्ष 2018 में अधिक कोयला स्टॉक रखने के एक मामले में सज़ायाफ्ता होने के कारण विधायिकी चली गई थी। जिसके कारण वर्ष 2018 में हुए उपचुनाव में धर्मपत्नी बबीता देवी को मैदान में उतारा जिन्होंने आजसू के डॉ लंबोदर महतो को हराकर गोमियां की पहली महिला विधायक बनी।
वर्ष 2019 में बबीता देवी लगभग 10 हज़ार मतों के अंतर से आजसू के डॉ लंबोदर महतो से चुनाव हार गई। तब से दोनों पति-पत्नी लगातार गोमियां क्षेत्र के रहिवासियों से जुड़कर संपर्क में बने रहें और हर सुख-दुख में पहुंचकर खड़े रहे। वर्ष 2022 में हेमंत सोरेन सरकार में योगेंद्र महतो को राज्य समनवय समिति का सदस्य बनाया गया। बाद में पिछड़ा वर्ग का अध्यक्ष भी बने। इस वर्ष संपन्न विधानसभा चुनाव में लगभग 40 हज़ार मतों के अंतर से आजसू के डॉ लंबोदर महतो को हराकर तीसरे स्थान पर पंहुचा दिया। दूसरे स्थान जेएलकेएम की पूजा कुमारी रही।
साधारण कुड़मि किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले गोमिया विधायक योगेंद्र महतो राज्य में कैबिनेट मंत्री बन गये हैं। तत्कालीन हजारीबाग जिलांतर्गत c वर्तमान में रामगढ़ के बड़कीपोना पंचायत कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष से लेकर हजारीबाग जिलाध्यक्ष, गोमियां से विधायक और अब हेमंत मंत्रीमंडल में कैबिनेट मंत्री।
इतना लंबा और सफल सफर योगेंद्र महतो ने इतनी आसानी से तय नहीं किया है। इसके लिए इन्हें काफी राजनीतिक उतार चढ़ाव और संघर्षों से गुजरना पड़ा है। तीन भाईयों में सबसे बड़े योगेंद्र बचपन से ही नेतृत्व क्षमता के दक्ष थे। बचपन से कुशाग्र बुद्धि और नेतृत्व क्षमता वाले योगेंद्र विद्यार्थी जीवन में भी हमेशा क्लास मानिटर रहे तो राजनीति दक्षता के कारण हमेशा नेतृत्व का भरोसेमंद रहे। गांव घर के खेलों से लेकर स्कूलों में भी कैप्टन और मोनिटर की भूमिका में रहे।
अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बुनियादी स्कूल मुरबंदा से प्राप्त किया। जहां पहली से आठवीं तक क्लास के मॉनिटर भी रहे थे। वर्ष 1983 में मैट्रिक की शिक्षा केबी हाई स्कूल लारी से प्राप्त किया। यहां भी वे क्लास मानिटर रहे। उसके बाद छोटानागपुर कालेज रामगढ़ से सन 1988 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसी बीच 1986 में ही तत्कालीन विधायक यमुना प्रसाद शर्मा के साथ जुड़े। सबसे पहले कांग्रेस सेवादल बड़की पोना पंचायत के अध्यक्ष बने। उसी वर्ष रामगढ़ प्रखंड कांग्रेस के अध्यक्ष बने। साथ ही 1986-90 तक कांग्रेस विधायक यमुना प्रसाद शर्मा के विधायक प्रतिनिधि भी रहे। वर्ष 1991 में कांग्रेस पार्टी हजारीबाग जिला उपाध्यक्ष बने।
फिर 1995 में जिलाध्यक्ष भी बने थे। कुछ महिने बाद ही उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव की जनता दल अब राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गये। सन 2000 ई. में झारखंड अलग राज्य के बाद वे सुदेश महतो की पार्टी आजसू में शामिल हुए। वर्ष 2009 का विधानसभा चुनाव उन्होंने गोमिया विधानसभा से लड़ा और कड़ी टक्कर देकर दूसरे स्थान पर रहे। आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव के पद पर भी रहे। लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने आजसू छोड़ झामुमो का दामन थाम लिया। लगभग 1 लाख वोट लाकर गोमिया का विधायक चुने गए।
इस बीच झामुमो का केंद्रीय प्रवक्ता व सचिव भी रहे। किंतु 3 वर्ष बाद ही 2018 में एक मामले में कोर्ट द्वारा विधायिकी समाप्त किये जाने के बाद। उनकी धर्मपत्नी पत्नी बबीता देवी विधायक बनी। किंतु 2019 के चुनाव में हार गयी। 2022 में श्री महतो को झारखंड राज्य समन्वय समिति का सदस्य बनाया गया। उसके बाद जनवरी 2024 में झारखंड राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी दी गई। 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्हें 95 हज़ार मत मिला और 40 हज़ार मतों से अंतर आजसू विधायक लंबोदर महतो को शिकस्त थी।
बताया जाता है कि योगेंद्र महतो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विश्वासपात्र करीबियों में से एक है, मुख्यमंत्री ने भरोसा जताते हुए ही 2014 में टिकट दिया, फिर पार्टी का केंद्रीय प्रवक्ता बनाया, सरकार बनने पर राज्य समन्वय समिति का सदस्य और फिर राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया था। आज अपने कैबिनेट में शामिल किया है। योगेंद्र के लिए आने वाले दिनों में उतरी छोटानागपुर प्रमंडल में झामुमो संगठन की मजबूती के साथ इंडिया गठबंधन समर्थित दलों से समन्वय और गोमिया क्षेत्र की चहुंमुखी विकास की चुनौती है।
वहीं गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में झामुमो की लगातार हार को जीत 2029 में जीत में तब्दील करना भी है। मां को देखकर भावुक हुए मंत्री योगेंद्र महतो रांची राजभवन से मंत्री पद की शपथ लेने के बाद शाम को अपने पैतृक आवास मुरुबंदा लोटते ही मां को देखकर भावुक हो गये। मां ने मंत्री योगेंद्र महतो को फूल माला दीप व मिठाई खिलाकर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पिताजी होते तो कितने खुश होते।
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