एस. पी. सक्सेना/बोकारो। आदिवासी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले 9 अगस्त को बोकारो जिला के हद में महुआटांड़ के कंडेर में विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया।
आदिवासीयों के आरक्षण आधिकारों को छीनने की साजिश बंद करो, आदिवासीयों की जंगल जमीन की लुट बंद करो, झारखंड में पांचवीं अनुसूची में शामिल करो आदि नारों के साथ विश्व आदिवासी दिवस पर दरहाबेड़ा गडुरा तक रैली निकाली गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद जन सभा की शुरूआत की गयी।
इस अवसर पर आयोजित सभा को सम्बोधित करते हुए आदिवासी संघर्ष मोर्चा नेता जगलाल शोरेन ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार जनजातीय गौरव दिवस तो मनाती है पर आदिवासीयों के अधिकारो को लागू करने से पीछे भाग रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड में पांचवीं अनुसूची लागू नहीं हुआ तो आन्दोलन और तेज होगा।
भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य भूवनेश्वर केवट ने कहा कि केंद्र द्वारा आदिवासी और दलितों में क्रीमी लेयर की पहचान के नाम पर अरक्षण को ख़त्म करने की साजिश की जा रही है। आदिवासीयों की एकता को तोड़ने के लिए डीलिस्टिंग का खेल खेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि गांव शहर से कम्पनी राज की विदाई करना आदिवासी दिवस की मुख्य लड़ाई है। केन्द्र सरकार इस दिशा मे पीछे नहीं हटी, तो आंदोलन तेज होगा।
जन सभा को सम्बोधित करते हुए ऐक्टू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विकास कुमार सिंह ने कहा कि आदिवासी की जीवन पद्धति प्रकृति आधारित है। कहा कि आदिवासी के कारण ही आज जल जंगल सुरक्षित है। आदिवासियो के कारण ही पर्यावरण और प्राण वायु सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अडानी अंबानी की लूट के खिलाफ़ संघर्ष तेज करना होगा।
आदिवासी दिवस कार्यक्रम का समापन आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित जन गीत गांव छोड़ब नाहीं, लडाई छोड़ब नाहीं, माय माटी छोड़ब नाय, लड़ाई छोड़ब नाही के सामूहिक गान से हुई।
जनसभा कार्यक्रम को महिला नेत्री व् सामाजिक कार्यकर्ता मिश्रा अलका, महालाल सोरेन, राजेश किस्कू, चंद्रनाथ मांझी, झरी वास्के, लोकनाथ प्रसाद, पुषु किस्कू, फुलचंद किस्कू, सोनाराम मांझी, स्वाति देवी, सीमा मुर्मू, रीता कुमारी, संतोष किस्कू, अशोक मुर्मू आदी वक्ताओं ने सम्बोधित किया। जनसभा में आसपास के सैकड़ों आदिवासी महिला, पुरूष अपने पारंपरिक लिवास में उपस्थित थे।
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