एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में जारंगडीह स्थित के. बी. कॉलेज बेरमो में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस पर एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
जानकारी के अनुसार कॉलेज के हिंदी विभाग एवं आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान तथा प्राचार्य लक्ष्मी नारायण की अध्यक्षता में जंतु शास्त्र सभागार में विश्व हिंदी दिवस का आयोजन दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर प्राचार्य लक्ष्मी नारायण ने कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि भारतीय पहचान व गौरव का प्रतीक है। प्रोफेसर इंचार्ज गोपाल प्रजापति ने कहा कि हिंदी भाषा भारत की संस्कृति व भाषाई एकता का प्रतीक है। हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मधुरा केरकेट्टा ने कहा कि हिंदी देश की राजभाषा है। विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर स्थापित करना है।
संगोष्ठी में डॉ अरुण कुमार रॉय महतो ने कहा कि युवाओं व नई पीढ़ी को हिंदी भाषा से जोड़ने एवं उन्हें सिखाने की जरूरत है कि हिंदी केवल संवाद का ही माध्यम नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, धरोहर और पहचान का भी प्रतीक है। डॉ प्रभाकर कुमार ने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता और पहचान भी है।
हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा के वैश्विक प्रचार प्रसार व महत्व को बढ़ावा देना है। डॉ अरुण रंजन ने कहा कि इस वर्ष विश्व हिंदी दिवस का थीम एकता और सांस्कृतिक गौरव की वैश्विक आवाज रखा गया है। कहा कि हिंदी सिर्फ भाषा ही नहीं, संस्कृति भी है। यहां अन्य वक्ताओं ने भी विश्व हिंदी दिवस पर अपने अपने विचार रखे।
मौके पर हिंदी के छात्र छात्राओं ने पोस्टर, स्लोगन, भाषण, निबंध, कविता पाठ प्रतियोगिता में भाग लिया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम विनोद कुमार महतो, द्वितीय आशा कुमारी रहे। पोस्टर प्रतियोगिता में मुस्कान कुमारी प्रथम, द्वितीय उर्मिला कुमारी, आशिन खातून, शोभा कुमारी रहे। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम रिंकी कुमारी, द्वितीय पूजा कुमारी, तृतीय ज्योति कुमारी एवं हिमानी कुमारी रहे।
कविता प्रतियोगिता में प्रथम रोजी प्रवीण, द्वितीय मोहिनी कुमारी एवं तृतीय आशा कुमारी रहे। स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम मुस्कान कुमारी, द्वितीय मोहिनी कुमारी, तृतीय नीतू कुमारी रहे। प्रथम, द्वितीय व् तृतीय स्थान बनाने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
आयोजित पांचों प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डॉ प्रभाकर कुमार, प्रो. अमीत कुमार रवि, प्रो. विपुल कुमार पांडेय शामिल थे।
संगोष्ठी का संचालन डॉ अरुण रंजन और धन्यवाद ज्ञापन डॉ नीला पूर्णीमा तिर्की ने दी। मौके पर उपरोक्त के अलावा डॉ साजन भारती, डॉ वासुदेव प्रजापति, डॉ व्यास कुमार, प्रो. अमीत कुमार रवि, डॉ शशि कुमार, डॉ सुशांत बैरा, डॉ विश्वनाथ प्रसाद, प्रो. सुनीता कुमारी, रविंद्र कुमार दास, सदन राम, रवि यादविंधु, मो. साजिद, नंदलाल राम, दीपक कुमार राय, बालेश्वर यादव, मेहराज शिवेंद, विनोद केवट, सूरज बेसरा, रमेश टुडू आदि उपस्थित थे।
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