सीसीएल कोनार खासमहल परियोजना में मजदूरों ने ट्रांसपोर्टिंग किया ठप्प

कारगली मे जीएम के संतोषजनक वार्ता के बाद आन्दोलन स्थगित

प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में सीसीएल बीएंडके क्षेत्र के एकीकृत कोनार खासमहल परियोजना (एकेकेओसीपी) के मुख्य द्वार पर पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत 29 जुलाई को 7 सूत्री मांगों को लेकर संगठित एवं असंगठित मजदूर संघर्ष मोर्चा के बैनर तले परियोजना का ट्रांसपोर्टिंग ठप्प कर दिया गया।

इसे लेकर करगली ऑफिसर्स क्लब में महाप्रबंधक के. रामाकृष्णण के अध्यक्षता मे त्रिपक्षीय वार्ता हुई। सभी मांगो पर संतोष जनक वार्ता हुई। इसके बाद आंदोलन वापस लेने की घोषणा की गयी।

इस अवसर पर जीएम रामाकृष्णण ने कहा कि लोकल सेल से जुड़े कर्मी भी कंपनी के अंग है। इनकी मांगो को प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जायेगा। जीएम के आश्वासन के बाद आन्दोलनकारियों ने अनिश्चितकालीन बंद को वापस ले लिया।

वार्ता में बेरमो प्रखंड के आरएसआई श्याम बिहारी रजक, पीओ के. एस. गैवाल, एसओपी राजीब कुमार, एरिया सेल ऑफिसर चंद्र भूषण त्यागी, मैनेजर सुमेधा नंदन, डिस्पैच आफिसर अवघ बिहारी सिंह, सिनियर मैनेजर विनय रंजन टुडु, कार्मिक प्रबंधक पीएन सिंह, आदि।

यूनियन नेता सुबोध सिंह पंवार, बिरेंद्र सिंह, ओमप्रकाश सिंह उर्फ टीनू सिंह, अफताब आलम, राहुल कुमार, गोपाल डालमिया, बेलाल हाशमी, शाहनवाज, मोती महतो, सीताराम महतो, बोधराम महतो, कलंदर अंसारी, इस्लाम अंसारी आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।

इस अवसर पर आन्दोलनकारियों ने कहा कि बीएंडके क्षेत्र की एकेकेओसीपी परियोजना पूरी तरह प्रशासकीय विफलता के कारण अराजक तत्वों की गिरफ्त में है।

जिसका बुरा नतीजा यह है कि परियोजना की खदान से कोयाले की चोरी, भारी मशीनों से डीजल की चोरी के कारण अधिकारी और वर्कर दहशत में रहने को विवश हैं। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के प्रतिनिधियों ने प्रबंधन को हेराफेरी रोकने सहित अन्य मांग पत्र दिया, लेकिन प्रबंधन ने कार्रवाई नहीं की। इसलिए वे आंदोलन के लिए विवश हुए।

यूनियन द्वारा प्रेषित 7 सूत्री मांग पत्र में कोयला ट्रांसपोर्टिंग  में आरसीआर मोड को समाप्त किया जाए, कोयले के ग्रेड की हेराफेरी कर ट्रांसपोर्टरों को लाभ पहुंचाने के खेल पर विराम लगे, आरसीआर को बढ़ावा देने के कारण पिछले 38 वर्षो से लदाई के काम में लगे हजारों स्थानीय ग्रामीण मजदूरों को रोजगार से वंचित होना पड़ा है इसलिए अविलंब आरसीआर मोड को बंद किया जाए, प्रबंधकीय विफलता के कारण अराजक तत्वों द्वारा खुलेआम डोजर, होलपेक आदि मशीनो से हजारों लीटर डीजल की चोरी प्रतिदिन किया जा रहा है, इसकी जाँच कर ठोस कार्रवाई की जाए।

हाईग्रेड के कोयले को लो ग्रेड का कोयला दर्शाकर ट्रांसपोर्टरो द्वारा कोयले की ढुलाई की जा रही है, जिससे सीसीएल को भारी नुकसान हो रहा है। कोल इंडिया प्रबंधन के निर्देशों का सौ फीसदी अनुपालन करते हुए ट्रांसपोर्टरों और सेल के कोयले का उठाव किया जाए, ताकि कम्पनी को नुकसान होने से रोका जा सके।

माइंस और लोडिंग प्वाइंट पर अराजक तत्वों की खुली गतिविधियों के कारण सीसीएल के संगठित – असंगठित वर्कर्स और प्रबंधक के ईमानदार अधिकारी दहशत में काम कर रहे है, जिसे विधि सम्मत उत्पादन की प्रक्रिया को सामान्य बनाते हुए भय के माहौल को समाप्त किया जाए।

एकेकेओसीपी के उत्पादित कोयले का 40 प्रतिशत कोयला लोकल सेल को देने की गारन्टी की जाए शामिल है।
उक्त आंदोलन मे मनोज सिंह पंवार, मनोज झा, बेलाल हाशिमी, महादेव राम, बोधराम महतो, मोहम्मद रफीक, शाहनवाज़, मो. इस्लाम, मो. जाबिर, मो. सत्तार, राजेश रवानी, ज्ञानू, सत्येन्द्र सिंह, मो. शाबिर व अन्य संगठित -असंगठित मजदूर संघर्ष मोर्चा समर्थक शामिल थे।

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