फिरोज आलम/जैनामोड़ (बोकारो)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर बिहार की राजधानी पटना में स्थित मां सिया मल्टीस्पेशलिस्ट एंड आर्थो केयर अस्पताल द्वारा 6 मार्च को सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली तीन नारी शक्ति को सम्मानित किया गया।
राजधानी पटना के अशोक राजपथ स्थित मां सिया मल्टीस्पेशलिस्ट एंड आर्थो केयर अस्पताल की मैनेजिंग डायरेक्टर व् समाजसेवी डॉ नम्रता आनंद तथा जन स्वास्थ्य कल्याण समिति के सचिव तथा अस्पताल के संरक्षक डॉ एल. बी सिंह ने मध्यप्रदेश के कटनी निवासी मंजूशा गौतम, उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी रितिका गुप्ता और उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी लक्ष्मी हजेला को मोमेंटो, अंगवस्त्र और पगड़ी देकर सम्मानित किया।
सम्मान पाने वाली सभी नारी शक्तियों ने इस सम्मान के लिये डॉ नम्रता आनंद का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ नम्रता ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में बहुत बड़ी ताकत है, जिससे देश और समाज को सकारात्मक तरीके से बदला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को समाज में किसी समस्या को पुरुषों से बेहतर ढंग से निपटना आता है। सही मायने में किसी देश या समाज का तभी विकास होता है जब वहां की नारी जाति को प्रतिष्ठा व सम्मान दिया जाता है। उन्होंने खा कि महिला सशक्तिकरण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की प्रगति और उनमें आत्मविश्वास को बढ़ाना हैं।
महिला सशक्तिकरण देश के विकास के लिए अति महत्वपूर्ण है। महिलाओं का सशक्तिकरण सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, क्योंकि वह सृजन कर्ता होती हैं। यदि उन्हें सशक्त कर दिया जाए, उन्हें शक्तिशाली बनाएं और प्रोत्साहित करें, तो इससे राष्ट्र का विकास सुनिश्चित होता है।
डॉ एल.बी सिंह ने कहा कि नारी को सृजन की शक्ति माना जाता है। महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। जिससे उन्हें शिक्षा, रोजगार, आर्थिक विकास के समान अधिकार मिल सके। जिससे वह सामाजिक एवं आर्थिक स्वतंत्रता और खुद को सुरक्षित प्राप्त कर सके।
उन्होंने कहा कि समाज में आज भी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम आका जाता है। वे ज्यादातर अपने जीवन-यापन के लिए पुरुषों पर ही निर्भर रह गयी है, जिससे उन्हें न चाहते हुए भी पुरुषों का अत्याचार सहना पड़ रहा है। इसलिए महिलाओं के आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता है।
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