स्कंदमाता की पूजा करने से बुद्धि का विकास और ज्ञान की प्राप्ति होती है-गोविन्द पाठक
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में गुवा के राम नगर स्थित दुर्गा मंडप में नवरात्र के पांचवे दिन 19 अक्टूबर को मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना भक्तों ने की। पूजा अर्चना के दौरान महिलाओं ने सुख समृद्धि तथा अन्य बीमारी से बचाव के लिए मन्नते मांगी।
जानकारी के अनुसार मंदिर कमेटी के द्वारा महाअष्टमी और महानवमी पर महाभोग प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया है। कमिटी ने क्षेत्र के रहिवासियों से आग्रह किया है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में रामनगर स्थित दुर्गा मंडप में आकर प्रसाद ग्रहण करें।
इस अवसर पर पूजा में अग्रणी भूमिका निभा रहे भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष सह समाजसेवी गोविन्द पाठक ने एक भेंट में कहा कि मां दुर्गा के सभी रुपों में स्कंदमाता का ममतामयी रूप है। स्कंदमाता की पूजा करने से बुद्धि का विकास होता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि स्कंद कुमार अर्थात स्वामी कार्तिकेय की माता होने के कारण मां के पांचवे स्वरूप को स्कंदमाता कहा जाता है।
इस दौरान नवरात्रि की पूजा कर रहे पुजारी मलय पाणिग्राही ने बताया कि मां स्कंदमाता की पूजा मां दुर्गा के नौ रूपों में से पांचवें दिन की जाती है। मां स्कंदमाता को मातृत्व व बच्चों की देवी के रूप में जाना जाता है। इसकी पूजा करने से भक्त की समस्त इच्छाएं पूर्ण हो जाती है। कहा कि मृत्यु लोक में उसे परम शांति व सुख मिलता है।
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