पूर्व मध्य रेलवे को महिला रेलकर्मियों पर गर्व-महाप्रबंधक
अवध किशोर शर्मा/सोनपुर (सारण)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के आलोक में 2 मार्च को बिहार की राजधानी पटना के महेन्द्रूघाट में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक अनुपम शर्मा ने कहा कि पूर्व मध्य रेल को अपने महिला रेलकर्मियों पर गर्व है। वे अब हरेक क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि हमने कार्यस्थल को वूमन फ्रेंडली बनाया है।
साथ हीं सरकार के सभी नियमों एवं निर्देशों का सख्ती से अनुपालन भी सुनिश्चित किया है। महाप्रबंधक शर्मा महेन्द्रूघाट (पटना) में महिला रेलकर्मियों के लिए आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
जानकारी के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) के आलोक में एक मार्च से आठ मार्च तक पूर्व मध्य रेलवे द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में महेन्द्रू घाट में महिला रेलकर्मियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर महाप्रबंधक अनुपम शर्मा तथा पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा भारती शर्मा ने समारोह का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर महाप्रबंधक एवं पूर्व मध्य रेल महिला कल्याण संगठन की अध्यक्षा ने महिला रेलकर्मियों को उनके उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के लिए सम्मानित किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में महाप्रबंधक शर्मा ने कहा कि पूर्व मध्य रेलवे को अपने महिला रेलकर्मियों पर गर्व है। वे अब हरेक क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रही है। हमने कार्यस्थल को वूमन फ्रेन्डली बनाया है और सरकार के सभी नियमों एवं निर्देशों का सख्ती से अनुपालन भी सुनिश्चित किया है।
महाप्रबंधक ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि कर्त्तव्यनिष्ठ महिला रेलकर्मियों के सहयोग से पूर्व मध्य रेलवे सफलता की नई ऊंचाई को प्राप्त करेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पूर्व मध्य रेलवे में तीन हजार आठ सौ अड़सठ (3868) महिलाएं कार्यरत हैं। प्रत्येक महिला कर्मी अपने हिस्से का दायित्व बखुबी निभा रही है। कतिपय महिलाएं तो, खासकर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में, रेल और देश का नाम रौशन कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व मध्य रेल की एल. आशालता देवी भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की कप्तान भी हैं। हमारी महिला कबड्डी, फुटबॉल एवं बास्केट बॉल टीमों ने देश स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है । हमें इनकी सफलता का उल्लेख करते हुए गौरव का अनुभव हो रहा है।
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