शिक्षा को विकास का आधार बता रही वैशाली पंचायत की महिला प्रत्याशी

महिला प्रत्याशीयों में एक मात्र ग्रेजुएट रंजना राकेश

संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। विश्व लोकतंत्र की पहली आधारशिला के तौर पर माना जानेवाला बिहार राज्य (Bihar District) के वैशाली का खासकर वैशाली पंचायत चुनाव खास हलचल पैदा कर रहा है।

वह भी तब जब इस पंचायत से मुखिया से महिला प्रतिनिधित्व का अवसर मिला है। पंचायत के लगभग दो दर्जन से अधिक रहिवासियों द्वारा खासकर शिक्षित व् विकास को खास तवज्जों देने पर जोर दिया जा रहा है।

महिलाओं को अवसर जब मिलता है तो वे हर हाल में सियासी बाजी जीतने में निष्ठा से जुट जाती है। वह भी तब जब कोई महिला प्रत्याशी जो मुखिया पद के चुनाव में अपना भाग्य आजमा रही हो।

वैशाली पंचायत में तीन नवम्बर को चुनाव होने हैं। सभी पदों पर अपनी जोर आजमाईश मे लगे प्रत्याशियों द्वारा अपने अपने संभावित वोटरों को विभिन्न उम्मीदों को जनहित में बताकर उन्हे अपनी तरफ करने का सियासी प्रयास भी बदस्तूर जारी है।

इन्हीं प्रत्याशियों में एक महिला प्रत्याशी हैं रंजना राकेश, जिन्हें यह भरोसा है कि अगर उन्हें मौका मिला तो विकास के सपनों को पूरा करने में उनकी स्नातक तक की शिक्षा काम आ सकेगी। मालूम हो कि रंजना राकेश समाजसेवी रिपुंजय सिंह की धर्मपत्नी है।

उनका दावा है कि उनकी शिक्षा महिलाओं के विभिन्न तरह के उत्थानों में काम आयेगी। विदित है कि महिला प्रत्याशी रंजना उक्त पद की दौर में एक मात्र महिला बताई जा रही जो ग्रेजुएट हैं।

ऐसे महिला प्रत्याशियों में कई अन्य भी शिक्षित हैं। उधर पंचायत में चुनाव को लेकर खासकर मुखिया पद को लेकर सरगर्मी बेहद तेज है। विभिन्न वार्डों के वोटरों के मुद्दे भी अलग अलग है।

मुखिया पद की दावेदार रंजना की पारिवारिक सदस्या नीलम देवी के अनुसार उन्हे पुरा विश्वास है कि रंजना के जीत को कोई नहीं टाल सकता है, क्योंकि पंचायत के सभी वर्गों के लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

राजेंद्र राय कहते हैं कि पूर्व मुखिया ने पंचायत वासियों को केवल धोखा देने का काम किया है, इसलिए वे रंजना के पक्ष में हैं। कमोवेश रामानंद राय, राम सुरेश राय आदि भी रंजना के समर्थन में दिख रहे हैं।

वैशाली पंचायत के वार्ड 13 निवासी मनीष कुमार का कहना है कि गरीबी प्रमुख मुद्दा होना चाहिए। साथ ही ये पंचायत की जनता तक सरकारी सुविधा हर हाल में घर घर पहुंचाएंगे। वार्ड 6 निवासी अंगद सिंह के अनुसार इनकी नजर में सभी प्रत्याशी समान महत्व के हैं।

इनकी दिली इच्छा है कि जिस वैशाली की चर्चा वैश्विक स्तर पर होती रही है। उसे नगरपालिका का दर्जा मिले ताकि पंचायत और आसपास के ग्रामों में मूलभूत सुविधाओं के साथ साथ ऐतिहासिक स्थलों को सुरक्षित भी रखा जा सके। सभी भिन्न भिन्न मुद्दों को वोट का आधार मानते हैं।

विकास के मुद्दे को सबसे अहम बताया। ऐसे में यह मानकर चला जा सकता है कि अबतक के आकलन में मुखिया पद के दावेदार रंजना का पलड़ा अन्य प्रत्याशियों से भारी है। देखना है रंजना अपने पंचायत के मतदाताओं को चुनाव तक अपने पक्ष में रख पाती है या नहीं।

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