एस.पी.सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में कथारा वाशरी स्लरी रोड सेल का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। आये दिन सेल शुरू होने के बाद उपजे विवाद के कारण प्रबंधन को सेल बंद करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार 18 फरवरी को एक बार फिर यहां स्लरी रोड सेल शुरू होने के बाद महिला समूह की भागेदारी को लेकर कांटा घर के समीप हंगामा हो गया। इस क्रम में महिला गेंदिया देवी बेहोश होकर गिर गयी।
आनन फानन में सहयोगियों ने उसे बेहोशी किया हालत में सीसीएल (CCL) के कथारा क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। गेंदिया देवी ने रोड सेल से जुड़े कुछ लोगों पर महिला समूह के साथ गाली-गलौज और मारपीट का आरोप लगाई है।
गेंदिया देवी के अनुसार अपने हक और अधिकार के लिए महिला समूह कांटा घर पहुंची। इसी बीच कुछ लोगों ने उसे धक्का देकर नीचे गिरा दिया, जिसके कारण वह बेहोश हो गई।
घटना की सूचना पाकर कथारा ओपी प्रभारी प्रिंस कुमार सिंह अस्पताल पहुंचकर गेंदिया देवी से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली। देर शाम तक घटना को लेकर किसी तरह की लिखित शिकायत पुलिस से नहीं की गई थी।
ज्ञात हो कि कथारा वाशरी में जब से स्लरी लोकल सेल शुरू हुआ है तब से लगातार विरोध, प्रर्दशन देखने को मिल रहा है। सभी अपने अपने हक व अधिकार की लड़ाई बता कर सेल को बाधित करते नजर आ रहे हैं। जिससे सेल के डीओ धारक व ट्रक मालिक काफी परेशान नजर आ रहे हैं। जबकि वाशरी प्रबंधन उठते विवाद के बाद बस एक ही काम कर पाती है सेल को रोकने का।
जबकि स्लरी में पैसा लगाने वाले डीओ (DO) धारक को अब उनका पैसा फंसने का डर सताने लगा है। इस संबंध में डीओ धारको का कहना है कि सीसीएल के उठाव के निर्धारित समय सीमा के भीतर अगर स्लरी नहीं उठता है तो पुरा डीओ लैप्स कर जायेगा और उनका पैसा फंस जायेगा। जबकि डीओ धारक रुपये लगाकर कुछ कमाने के लिए डीओ लगाते हैं।
बताया जाता है कि आंदोलन के क्रम में 18 फरवरी को दोपहर लगभग डेढ़ बजे कथारा के आसपास के स्थानीय ग्रामीण महिलाओ का एक बड़ा समुह गेंदिया देवी के नेतृत्व में वाशरी कांटा घर पहुंचकर सेल में भागीदारी सुनिश्चित करने को लेकर जमकर बवाल काटा।
कांटा हो रहे ट्रकों के आगे महिला लेट गयी, जिस कारण सेल के लिए कांटा हो रहे ट्रकों का कांटा करना बंद करना पड़ा। मौके पर भारी संख्या में सीसीएल व गृह रक्षा वाहिनी महिला व पुरुष सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। जिसने आंदोलनरत महिलाओं को रोकने किया कोशिश किया, मगर महिलाएं सेल के कांटा को जामकर दी।
जानकारी के अनुसार कई दौर के बैठकों के बाद सेल को सुचारु रूप से चलाने के लिए सेल कमिटि का गठन किया गया है। सेल कमिटी में कथारा के आसपास के सैकड़ों रहिवासी शामिल हैं। सैकड़ों लदनी मजदूरों के संगठन भी शामिल है। फिर भी विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
जानकारों की माने तो सेल खुलते ही क्षेत्र के लोगो में एक उम्मीद जगी है कि अब उन्हें रोजगार मिलेगा, मगर जब सेल की आड़ में अवैध बंटवारे का जंग छिड़ा हो तो सेल का सुचारू रूप से चलना महज कोरी कल्पना है।
जबकि सीसीएल प्रबंधन को चाहिए कि प्रशासन की मदद से डीओ धारको का कोयला समय रहते उठाव करवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करे। यह प्रबंधन की जवाबदेही भी है।
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