गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। का वर्षा जब कृषि सुखानी। सावन माह बिता। भादो आई, लेकिन वैशाली जिले के किसान बर्षा के लिये आसमान में टकटकी लगाए रह गए। पुरा का पुरा वैशाली जिला पुरी तरह सूखे की चपेट में है। जल के बिना खेतो में दरारे पड़ गयी है।
गत दो तीन दिनों में वैशाली जिले के हाजीपुर, राजापाकर, लालगंज, वैशाली, महुआ, महनार, जन्दाहा प्रखंड के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में घूमने का मौका मिला। इन सभी क्षेत्र के ताल, पोखर, गड्ढे, चवर और खेतों में पानी नही है। जिन किसानों ने पानी का पटवन कर अपने खेतों में धान की फसल लगाई थी, वे भी सुख रहे हैं।
खेतो में दरारें दिखाई पड़ रही है और खेतों में धूल उड़ रही है। वैशाली जिले के बहुत कम किसानों के पास अपना पटवन का साधन है। जिनके पास साधन है वे किसी तरह पटवन कर फसल को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं।
वैशाली के नए जिलाधिकारी मीणा प्रति दिन जिले के किसी न किसी क्षेत्र में भ्रमण कर कृषि कार्य का आकलन कर रहे है। लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी ने जिले में जो धन रोपनी का आकड़ा दिया है चौकाने वाला है। जिला कृषि पदाधिकारी के अनुसार जिले में धान की रोपनी का जो लक्ष्य निर्धारित था उसका 88 प्रतिशत प्राप्त कर लिया गया है।
वैशाली जिला में कुल 54000 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध 48000 हेक्टेयर में धान की रोपनी का कार्य पूरा कर लिया गया है। जबकि उपरोक्त प्रखंड में घूमने के दौरान किसानों ने बताया कि इस बार 10 प्रतिशत भी रोपनी नही हुई। खेती में बढ़ते खर्च और मजदूरों की समस्या। समय से वर्षा नही होने से इस बार अधिकांश किसानों ने धान का फसल नही लगाया।
अब किसान रबी की फसल की आशा करते हैं। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के अनुसार जिले में अभी वर्षापात में 44 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। सावन माह में वर्षा नही होने से सुखाड़ की स्थिति बन रही है। अगर भादो माह में वर्षा नहीं हुई तो रबी फसल की बुआई पर भी असर पड़ेगा।
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