एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में बेरमो कोयलांचल के सीसीएल कथारा क्षेत्र में इन दिनों एक ही सवाल कौंध रहा है कि क्षेत्र में कब थमेगा कोयला चोरी? आखिर किसके पास है इसका जवाब। पुलिस प्रशासन समुचित बल कमी का रोना रो रही है तो महाप्रबंधक परेशान हाल हैं। बावजूद इसके कोयला चोरो का मंसूबा बुलंद है।
बानगी के तौर पर अभी भी दिन हो या रात कथारा क्षेत्र के जारंगडीह कांटा घर तथा साइडिंग, कथारा वाशरी के रिजेक्ट सेल प्वाइंट तथा रॉ कोल स्टॉक प्वाइंट, गोविंदपुर परियोजना फेज 2 में जाकर खुली आंखों देखा जा सकता है कि कोयला चोर सुरक्षा कर्मियों के नजर के सामने कोयला चोरी करते देखे जा सकते हैं।
तस्वीर स्पष्ट बयान कर रहा है कि जारंगडीह कांटा घर के समीप दो महिला सुरक्षा कर्मी के नजर के सामने ढीठाई के साथ कोयला चोर डंपरों में लोड कोयला को धड़ल्ले से उतार रहे हैं। आखिर कंपनी का सुरक्षा कर्मियों पर प्रतिवर्ष होने वाले करोड़ों रुपए वेतनादि मद में होने वाले खर्च का औचित्य क्या है। जब कोयला चोरी, लोहा चोरी तथा अन्य सामग्री की चोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
जानकर बताते हैं कि हाल के दिनों में बीएंडके क्षेत्र के जारंगडीह रेलवे साइडिंग में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बलों की तैनाती के कारण कोयला चोर वहां से पलायन कर कथारा क्षेत्र के जारंगडीह कांटा के आसपास कोयला लदे डंपरों तथा क्रशर से सुरक्षा व्यवस्था को धत्ता बताते हुए कोयला लूटने में लगे हैं।
वहीं सुरक्षा सूत्र बताते हैं कि निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी के कुछ कर्मी तथा कोयला चोरो द्वारा सांठगांठ कर सुनियोजित तरीके से कोयला चोरी की घटना को अंजाम दिया जा रहा हैं। बताया गया कि सुरक्षा बलों की कमी का कोयला चोर लाभ उठा रहे हैं। बहरहाल देखना है कि कोयला चोरी पर अंकुश लग कब लगेगा अथवा सरकार और सीसीएल को चपत लगता रहेगा।
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