जन्मदिन की पार्टी में मातम

सगा साला निकला जीजा का हत्यारा
मुश्ताक खान/मुंबई। बेटे के पहले जन्मदिन पर मां हुई विधवा और बेटा हुआ अनाथ, जीजा का असली कातिल निकल सगा साला। आरोपी को पुलिस ने बड़ी हिकमत से गिरफ्तार किया है। एक रिमांड के बाद अदालत ने आरोपी विशाल केवट 23 को जेल भेज दिया है। यह वाकया वडाला ट्रक टर्मिनल पुलिस स्टेशन (Vadala truck terminal police station)  की हद में स्थित संगम नगर का है।

वडाला ट्रक टर्मिनल पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रुद्राशं राकेश मिश्रा का पहला जन्मदिन वडाला पूर्व के संगम नगर, हिम्मत नगर स्थित काजी गारमेंट्स के पास का है। यहां अपने निवास पर ही रुद्राशं राकेश मिश्रा का पहला जन्मदिन मनाया जा रहा था। इस सिलसिले में रुद्राशं के मामा , मामी , नानी , चाचा के अलावा परिवार के लगभग सभी सदस्य बर्थडे पार्टी में मौजूद थे। इस दौरान बच्चे के चाचा का कॉल उसकी मां के मोबाइल पर आया। शायाद वह अपने भाई यानी रुद्राशं के पिता राकेश मिश्रा से बात करना चाहते थे। लेकिन देवर भाभी में किसी बात को लेकर नोक झोंक हो गई, दोनों गुस्से में तमतमाये हुए थे। बर्थडे केक काटने के दौरान बच्चे के पिता नशे की हालत में थे। इस बीच उनके भाई ने अपने भाई से कुछ बात की। इसके बाद मिश्र अपनी पत्नी नेहा मिश्रा पर आग बबूला हो गए। बात बढ़ी तो बच्चे के मामा ने अपने जीजा के पेट में केक काटने वाले चाकू से वार कर दिया। यहां से बर्थडे पार्टी के रंग में भांग पड़ गया। चाकू लगने के बाद आरोपी विशाल केवट और उसकी बहन नेहा मिश्रा ने घायल अवस्था में उन्हें सायन हॉस्पिटल ले गए। यहां आरोपी व उसकी बहन ने डॉक्टरों को मन गढ़ंत कहानी सुनाई। लेकिन डॉक्टर ने मामले की गंभीता को देखते हुए। इस घटना की जानकारी वडाला ट्रक टर्मिनल पुलिस को करीब 11 बजे रात में दी। यह जानकारी मिलते ही पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस उपनिरीक्षक उमेश कोलगे अपने दो सहयोगियों के साथ सायन हॉस्पिटल पहुचे, यहां मृतक राकेश मिश्रा की पत्नी नेहा ने वही कहानी पुलिस को सुनाई जो डॉक्टरों को बताया चुकी थी। लेकिन पुलिस को उनकी मन गढ़ंत कहानी पर यकीन नही हुआ। इसके बाद वडाला टी टी के वरिष्ठ अधिकारी शैलेश पसलवार के मार्गदर्शन में डिटेक्शन अधिकारी पांडुरंग सालुंखे पुनः घटना स्थल पर पहुंच कर फिर से जांच शुरू कर दी। इस दौरान मृतक मिश्रा के पास सभी का आना जाना जारी था। यहां वरिष्ट अधिकारी पसलवार द्वारा फिर से पूछताछ में नेहा से सारी बाते उगलवा दी। जबकि आरोपी फरार था। उसे सालुंखे ने बहला फुसला कर बुलाया। इसके बाद पुलिस या पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल लिया। इसके बाद उसे अदालत में पेश किया गया। जहाँ अदालत ने उसे रिमांड पर भेज दिया। और रिमांड समाप्त होते ही उसे जेल की सजा हो गई।
महज 24 घंटे में इस हत्या की गुत्थी को पुलिस दल ने सुलझा लिया। हत्या के इस मामले को सुलझाने में पुलिस निरीक्षक सुनील वाघमारे ,ए एस आई गजानं तांबें,एच सी भालचंद्र गायकवाड़, भूषण भोसले , गणेश देशमुख और प्रदीप पवार ने काफी मशक्क्त की। बता दें कि राकेश मिश्रा की शादी अंतरजातीय हुई थी।

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