पूर्व विधायक ने जताया शोक
प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट (बोकारो)। तेनुघाट बार एसोसिएशन (Tenu ghat bar association) के अध्यक्ष और सीनियर एडोवेकेट कुमार अनंत मोहन सिन्हा उर्फ अंतु बाबू के 29 अप्रैल की सुबह निधन हो जाने से गोमियां के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने गहरा दू:ख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अभिभावकतुल्य अंतु बाबू के निधन से उन्हें व्यक्तिगत क्षति पहुंची है। कानून संबंधित कार्यों को लेकर एक फोन पर अंतु बाबू निष्पादन को तैयार रहते थे। पारिवारिक सदस्य जैसा व्यवहार करते थे। वे जनप्रिय सीनियर एडवोकेट थे। पूर्व विधायक ने अंतु बाबू के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट करते हुए ईश्वर से उनकी दिवंगत पुण्यआत्मा को अपने चरणों मे स्थान देने की कामना की है। साथ ही, शोकाकुल परिजनों को असीम दु:ख की इस बेला में शक्ति प्रदान करने की कामना भी की है। बता दें कि अंतु बाबू का निधन रांची स्थित गांधीनगर के एक अस्पताल में 29 अप्रैल की सुबह हो गया।
तेनुघाट अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सह तेनुघाट चित्रगुप्त महा परिवार के संरक्षक कुमार अनंत मोहन सिन्हा उर्फ अंतु बाबू की आकस्मिक निधन पर पूरे तेनुघाट के साथ-साथ बेरमो अनुमंडल और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर व्याप्त है। बताते चलें कि लगभग 76 वर्षीय कुमार अनंत मोहन सिन्हा पेशे से अधिवक्ता थे, मगर इसके साथ ही वह सामाजिक कार्यों में लगे हुए थे। वह एक कुशल एवं मिलनसार व्यक्ति थे। पिछले साल भी कोरोना के समय आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को काफी सहायता की थी। उन्हें राशन एवं नगद भी दिए थे। उनके आकस्मिक निधन पर केवल अधिवक्ता संघ ही नहीं बल्कि क्षेत्र के सभी लोगों में शोक की लहर व्याप्त है।
स्व अंतु बाबू ने वर्ष 1972 से वकालत की शुरुआत गिरिडीह व्यवहार न्यायालय से अपने पिता स्व गोविंद प्रसाद की देखरेख में शुरू किए थे। उसके बाद 1981 में जब बेरमो अनुमंडल तेनुघाट में न्यायालय आया, उस समय से वह तेनुघाट में वकालत कर रहे थे। तेनुघाट अधिवक्ता संघ के महासचिव के पद पर भी सुशोभित हुए थे। उसके बाद लगभग 8 बार अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पद पर भी सुशोभित रहे हैं। जिसमें एक बार वह निर्विरोध अध्यक्ष पद के लिए भी चयनित हुए थे। सामाजिक प्रतिनिधि से जुड़े रहने के कारण वर्ष 1996 में तेनुघाट नगर विकास समिति के सचिव चुने गए। इनके देखरेख में तेनुघाट का दुकान बना। उनकी धर्मपत्नी रेखा सिन्हा दो बार मुखिया पद पर भी सुशोभित हुई और वर्तमान में भी वही मुखिया हैं।
स्वर्गीय सिन्हा के देखरेख में तेनुघाट पंचायत का विकास में भी काफी सहयोग हुआ। तेनुघाट के जितने भी गैर सरकारी संस्था बना उसमें वह किसी ना किसी पद पर सुशोभित रहे हैं। डीएवी विद्यालय तेनुघाट की स्थापना में भी उनका काफी सहयोग रहा है। तेनुघाट चित्रगुप्त महापरिवार एवं बोकारो जिला चित्रगुप्त महापरिवार में भी उनका स्थान रहा है। अपने जीवन काल में उनका कई राजनीतिक दलों के साथ संबंध रहा है। जिसमें बेरमो के पूर्व विधायक सह मंत्री स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद सिंह के विधि सलाहकार थे। डुमरी विधायक सह मंत्री जगन्नाथ महतो के भी विधि सलाहकार के रूप में कार्य किए थे। झारखंड बार काउंसिल के निर्देश पर 19 अप्रैल से न्यायिक कार्यों से अलग रहने के काउंसिल के निर्णय को अक्षरस: पालन करने के लिए वह व्यक्तिगत रूप से तेनुघाट के अधिवक्ताओं से संपर्क किया और इनकी जानकारी देते हुए वह उन्हें बार काउंसिल के निर्देश का पालन करने को बताया। बीते 28 अप्रैल की सुबह अचानक से उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। उसके बाद उन्हें इलाज के लिए दुग्धा अस्पताल ले जाया गया। जहां से उन्हें रांची गांधीनगर अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के क्रम में 29 अप्रैल की सुबह तक वह काफी स्वस्थ नजर आ रहे थे। वह अपने परिवार वालों से बात भी की। मगर उसके बाद अचानक उनकी मृत्यु हो गई। उनके साथ अधिवक्ता समीर कुमार सामंता, मोलेश्वर प्रसाद, नागेश्वर दसौंधी, हरिशंकर प्रसाद, उज्जवल कुमार मुखर्जी, पवन कुमार, दिलीप कुमार सिन्हा, जगदीश मिस्त्री, वीरेंद्र प्रसाद, अर्जुन सिंह, रमेंद्र कुमार सिन्हा, रतन कुमार सिन्हा, वेंकट हरी विश्वनाथन, अर्जुन सिंह, शैलेश कुमार सिन्हा, प्रताप कुमार आदि ने भी उनके छत्रछाया में कनीय अधिवक्ता के रूप में अपना अपना पेशा प्रारंभ किया और आज अपना पहचान बनाए हुए हैं। उनके निधन पर इन सभी के साथ साथ कामेश्वर मिश्रा, सत्यनारायण डे, बासु कुमार डे, अरुण कुमार सिन्हा, राम विश्वास महथा, शिव पार्वती सहाय, महादेव राम, राम बल्लभ महतो, वकील प्रसाद महतो, वीरेंद्र कुमार सिन्हा, जनार्दन प्रसाद, सुरेश तिवारी, डीएन तिवारी, अभिषेक मिश्रा, सुभाष कटरियार, राजीव कुमार तिवारी, बैजनाथ शर्मा, जीवन सागर, राजेश सिंह, तेजू करमाली, सुशील सिंह, चेतन आनंद, मोहम्मद मोबीन, सम्सजहाँ अंसारी, रियाज अंसारी, विजय कुमार बबन, बद्रीनारायण पोद्दार, विश्वनाथ प्रसाद, आनंद श्रीवास्तव, रविन्द्र नाथ बोस, सन्तोष कुमार, शंकर ठाकुर, रोहित पराशर, अनिल कुमार, राजकुमार, पंकज झा, नरेंद्र सिंह सहित अधिवक्ता संघ के सदस्यों ने शोक व्यक्त किया। साथ ही चित्रगुप्त महापरिवार तेनुघाट के मोहन प्रसाद श्रीवास्तव, सुरेश श्रीवास्तव, अजीत कुमार लाल, कुंदन कुमार, रतन कुमार सिन्हा, मुन्ना श्रीवास्तव, बिजय अम्बष्ठ, अजय अम्बष्ट, छोटू कुमार, आलोक रंजन, सुनील कुमार, योगेश नन्दन प्रसाद आदि ने भी शोक व्यक्त किया।
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