हम राजनीति नहीं, दर्शन के लिए आए,

प्राण जाए पर वचन न जाए-आदित्य ठाकरे

अयोध्या/मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे बुधवार को अयोध्या की धरती पर पहुंचे। यहां उन्होंने इस्कॉन मंदिर, फिर हनुमानगढ़ी में दर्शन व पूजा अर्चना किया। इसके बाद राम लला के दर्शन भी किए। मीडिया (Media) से बातचीत में सीएम उद्धव ठाकरे के बेटे और कैबिनेट मंत्री आदित्य ने कहा,”हमारा हिंदुत्व साफ है।

हम रामायण की चौपाई ‘रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई’ का पालन करते हैं। हम जो भी चुनाव में वचन देते हैं, वह सब पूरा करते हैं। चुनाव जीते या हारे, लेकिन हम अपना वचन पूरा करते हैं। यहां हम राजनीति के लिए नहीं, बल्कि दर्शन करने के लिए आए हैं।”

आदित्य ने कहा, “हमारे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief minister Uddhav Thackeray) यूपी के मुख्यमंत्री योगी से फोन पर बात करेंगे और पत्र भी लिखेंगे कि अयोध्या में महाराष्ट्र सदन के लिए जगह दें। यहां महाराष्ट्र से बहुत तीर्थ यात्री आते हैं। उनके रहने के लिए हम यहां महाराष्ट्र सदन बनाना चाहते हैं।”

सबसे आखिर में उन्होंने सरयू आरती की और फिर अयोध्या से रवाना हो गए। उन्होंने 1051 बत्तियों की आरती की। आरती स्थल को फूलों से सजाया गया था। साथ ही सवा क्विंटल दूध से मां सरयू का अभिषेक किया गया।

अयोध्या में बुधवार को ठाकरे की प्रेस कांफ्रेंस

आदित्य ने कहा कि अयोध्या से पूरे देश की आस्था जुड़ी है। 2018 में हमने नारा दिया था कि पहले मंदिर फिर सरकार। शिवसेना के नारे के बाद मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ। अयोध्या में कोर्ट के आदेश पर मंदिर बन रहा है। यहां के साधु-संत हमारा स्वागत कर रहे हैं। ED की राहुल गांधी से पूछताछ पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि आज सभी केंद्रीय एजेंसियां प्रचार साहित्य बन गई हैं।

ठाकरे ने कहा यह मेरी धार्मिक यात्रा है

लखनऊ एयरपोर्ट पर आदित्य ठाकरे ने कहा, ”मेरी यह यात्रा पूरी तरह से धार्मिक यात्रा है। रामलला में हमारी आस्था है। हम रामलला का दर्शन करने आए हैं। यूपी (UP) में पहले से ही हमारा संगठन है। हम यहां जनसेवा कर रहे हैं। किसी के आरोप का मुझे कोई जवाब नहीं देना है।”लखनऊ एयरपोर्ट पर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने आदित्य ठाकरे का स्वागत किया।

परमहंसाचार्य और राजू दास ने किया विरोध आदित्य के अयोध्या दौरे का विरोध हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास और जगदगुरु परमहंसाचार्य ने किया। उनका कहना है कि अब हिंदू सजग और सतर्क हो चुका है। शिवसेना के मंत्री आदित्य ठाकरे का अयोध्या दौरा पूरी तरीके से राजनैतिक है।

पूरी अयोध्या पोस्टर और होर्डिंग से पट गई है। उनका अयोध्या आने का स्वागत है, लेकिन डुग्गी पीटकर, भोंपू बजाकर और पोस्टर लगवाकर दौरा राजनीतिक है। महाराष्ट्र में सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ने पर 14 दिन की जेल हो रही है। अयोध्या आकर आदित्य ठाकरे क्या संदेश देना चाहते हैं?

संजय राउत पहले पहुंचे थे तैयारियां देखने

शिवसेना सांसद संजय राउत 13 जून को अयोध्या पहुंचे थे। उन्होंने आदित्य ठाकरे की अयोध्या आगमन की तैयारियों को देखा था। उन्होंने अखाड़ा परिषद के कई बार अध्यक्ष रहे हनुमानगढ़ी के महंत ज्ञानदास के आश्रम में जाकर उनका आशीर्वाद भी लिया था। वे लक्ष्मण किला भी गए थे। सरयू आरती स्थल पर निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश भी दिए थे।

लक्ष्मण किला पहुंचे आदित्य ठाकरे। यहां भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण के मंदिर में भगवान श्री राम के साथ-साथ लक्ष्मण और मां सीता विराजमान हैं।13 जून को हनुमानगढ़ी में दर्शन के बाद सांसद संजय राउत का स्वागत करते हनुमानगढ़ी के पुजारी हेमंत दास पहलवान।

विरोध के चलते राज ठाकरे ने स्थगित कर दी थी यात्रा

2018 में पहले मंदिर फिर सरकार (Government) का नारा देने वाली शिव सेना महाराष्ट्र की राजनीति में भले ही धर्म निरपेक्ष है, लेकिन बाला साहब ठाकरे के हिंदुत्व की विरासत को किसी कीमत पर हाथ से सरकने नहीं देना चाह रही है।

उत्तर भारतीयों के विरोध के चलते मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने 5 जून की अपनी अयोध्या यात्रा स्थगित कर दी थी। अब राम मंदिर आंदोलन में शिवसेना के योगदान की विरासत संभालने के लिए आदित्य ठाकरे भी पहुंचे हैं।

 136 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *