प्रहरी संवाददाता/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में तेनुघाट के समाजसेवी व् चर्चित चिकित्सक डॉ अमृत लाल मिर्धा का आकस्मिक निधन 5 दिसंबर को हो गया। उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है।
बताते चलें कि डॉ अमृत लाल मिर्धा का निधन होने से तेनुघाट सहित घरवाटांड़, खेतको, चांपी, अलगड्डा, पतकी पंचायत सहित आसपास के क्षेत्रों में शोक का लहर छा गया है।रहिवासी काफी मर्माहत हैं। डॉ मिर्धा बहुत ही मृदुल स्वभाव और मिलनसार व्यक्ति थे। तेनुघाट में वे लगभग वर्ष 1990 से चांदसी दवाखाना के नाम से क्लिनिक चला रहे थे। दिन प्रतिदिन उनका नाम मरीजों पर बढ़ता गया और रहिवासियों का उनके द्वारा की गई ईलाज पर विश्वास बढ़ता गया। लगभग 35 वर्षों से रहिवासियों के बीच रह कर सेवा दे रहे थे।
वे अपने पीछे पत्नी, तीन पुत्री, एक पुत्र सहित भरा पूरा परिवार छोड़ कर गए। उनके परिजनों ने बताया कि कई दिनों से वे बीमार चल रहे थे। उनका बोकारो जेनरल अस्पताल में डायलिसिस कई महीनों से चल रहा था। वे मूल रूप से बर्दवान (बंगाल) के रहिवासी थे। अंतिम संस्कार के लिए उन्हें अपने निवास स्थान से बंगाल ले जाया गया।
मौके मुखिया नीलम श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव, तेज नारायण तिवारी, सतीश प्रसाद, उमेश प्रसाद, बैद्यनाथ शर्मा, वेंकट हरि विश्वनाथन, प्रशांत पाल, पंकज पाठक, मिथलेश कुमार, मुकेश कुमार, नागेश्वर गुप्ता, मनोज गुप्ता, मदन पासवान, महेश प्रसाद सहित सैकड़ों गणमान्य मौजूद थे।
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