चेंबूर का चरई तालाब के विषैले पानी में जीने को मजबूर हैं जल जीव

बदरंगे और बदबूदार पानी खतरनाक बिमारियों का है संकेत

मुश्ताक खान/मुंबई। आस्था का प्रतिक, चेंबूर का चरई तालाब के विषैले पानी में जीने को मजबूर हैं जल जीव, कहीं ऐसा तो नहीं की मनपा एम पश्चिम विभाग के अधिकारियों ने इन जीवों को मरने की सुपारी ली है। साफ सफाई के आभाव में इस तालाब का पानी बदरंगे और बदबूदार हो गया है। जो कि खतरनाक बिमारियों का संकेत है। सद्गुरु स्वामी जयरामदास कुंज उद्यान के सामने के इस तालाब में अलग -अलग तरह की मछलियां और कछुआ आदि पल रहे हैं। इस तालाब से सटे उद्यान में प्रतिदिन सैकड़ो बुजुर्ग, महिला पुरुष और बच्चे तफरीह के लिए आते हैं। वहीं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक भगवान को अर्पित पुष्प और पुष्पगुच्छ यहां के कूड़ेदान में डालने के लिए भी आते हैं। बता दें कि चेंबूर के चरई तालाब को (तीन तालाब) के नाम से भी जाना जाता है, इस तालाब में हर साल और हर पूजा में देवी देवताओं का विसर्जन किया जाता है।

गौरतलब है कि चेंबूर का चरई तालाब को (तीन तालाब) के नाम से भी जाना जाता है। आस्था का प्रतिक, इस तालाब में हर साल और हर पूजा में देवी देवताओं की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। मनपा एम पश्चिम विभाग का यह तालाब कई मायनो में खास है। इस तालाब से सटे सद्गुरु स्वामी जयरामदास कुंज उद्यान है, यहां हर रोज सुबह और शाम को बड़ी संख्या बुजुर्ग, महिला पुरुष और बच्चे तफरीह के लिए आते हैं। चूंकि इस उद्यान में व्यायाम करने की सुविधा और वाकिंग ट्रैक है। इस उद्यान के आस पास पानी पूरी, बच्चों के खेलने के साधन भी हैं, जिसके कारण इसका महत्व है। इस कड़ी में सबसे दिलचस्प बात यह है कि उद्यान में आने वाला लगभग हर व्यक्ति चरई तालाब की ओर आता -जाता है। ऐसे में यहां आने जाने वाला कोई भी नागरिक अनजान बीमारी का शिकार हो सकता है। इन सब के बावजूद मनपा एम पश्चिम गार्डन एंड ट्री विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और का सुस्त रवैया अनजाने राह पर ले जा रहा है।

जबकि हाल ही में महाराष्ट्र में एक दिन में कोरोना के 43 नए मामले सामने आये हैं, इनमें मुंबई में सबसे ज्यादा 35 मरीज पाए गए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 25 मई को कोरोना वायर के 19 मामलों की पुष्टी हुई थी इसके बाद 43 नए मामले सामने आये हैं। हालांकि इस दौरान किसी मरीज की मौत दर्ज नहीं हुई है, सभी संक्रमितों की हालत स्थिर है।

स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाने की सलाह दी है और लोगों से मास्क पहनने व भीड़भाड़ से बचने की अपील की है। बावजूद इसके मनपा एम पश्चिम विभाग के अधिकारियों द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है। इतना ही नहीं चेंबूर के चरई तालाब के गंदे और बदबूदार पानी से विभिन्न जानलेवा बिमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। दो हिस्सों में बंटे इस तालाब की भौगोलिक स्थिति पर नजर डालें तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आयेंगे।

Tegs: #Water-creatures-are-forced-to-live-in-the-poisonous-water-of-charai-pond-of-chembur

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