श्रम शक्ति की कमी के कारण वाशरी का उत्पादन होगा प्रभावित-अजय

वाशरी को सुचारू चलाने के लिए मेन पावर की कमी दूर करना होगा-आरसीएमयू

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। एशिया का सबसे बड़ा वाशरी का श्रेय बोकारो जिला के हद में सीसीएल कथारा क्षेत्र के अंतर्गत कथारा कोल वाशरी को जाता है। कथारा वाशरी उत्पादन और उत्पादकता के लिए आज भी उपयोगी है। निरंतर उत्पादन तथा डिस्पैच में अब्बल स्थान में है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में कथारा वाशरी का उत्पादन और उत्पादकता के लिए श्रम शक्ति के तहत 506 कर्मचारियों की आवश्यकता रही है। वही 507 कर्मचारी कार्यरत थे। यथार्थ एक कर्मचारी सरप्लस कर्मचारियों के तहत थे। लेकिन दिसंबर माह में कर्मचारियों की संख्या 475 रह गई है।

स्वीकृत मैनपॉवर के तहत 31 श्रमिकों की आवश्यकता है। जबकि दूसरी ओर जहां 31 श्रमिकों की आवश्यकता है, वहीं लगभग दर्जनों श्रमिक लाचार विवश की स्थिति में कार्य करने को लाचार हैं। ऐसे में आवश्यकता के अनुसार उत्पादन को सुचारू रूप से चलाने के लिए कर्मचारियों की संख्या में कमी है। जिससे उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है।

इस संदर्भ में केंद्रीय श्रमिक संघ इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर यूनियन कथारा क्षेत्रीय अध्यक्ष व विधायक प्रतिनिधि अजय कुमार सिंह ने महाप्रबंधक को पत्र प्रेषित कर मेन पावर की कमी को दूर कर उत्पादन उत्पादकता को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की है।

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