प्रहरी संवाददाता/कसमार (बोकारो)। झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ की बैठक 10 अप्रैल को प्रांतीय अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर की अध्यक्षता और प्रांतीय संरक्षक सुनील कुमार के संचालन में संपन्न हुई।
बैठक में राज्य सरकार के कैबिनेट द्वारा हाल ही में पारित माध्यमिक आचार्य संवर्ग से संबंधित निर्णय का कड़ा विरोध किया गया। सभी जिला इकाइयों ने एक स्वर में इस निर्णय की खामियों और शिक्षकों की लंबित माँगों को लेकर अन्य शिक्षक संघों के साथ समन्वय स्थापित कर एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार करते हुए संघर्ष व आंदोलन का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया गया। जिसका उद्देश्य सरकार के वर्तमान निर्णय को शिक्षा और राज्य के युवाओं के हितों के खिलाफ बताते हुए इसका व्यापक विरोध करना है।
बैठक में प्लस टू शिक्षकों के प्रति विभागीय उपेक्षा और अन्याय के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने पर भी निर्णय लिया गया। संघ द्वारा मांगों पर प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें माध्यमिक आचार्य संवर्ग के हालिया निर्णय को तत्काल रद्द कर शिक्षकों का ग्रेड पे पूर्ववत रखा जाय, प्लस टू विद्यालयों में प्राचार्य पद का सृजन कर शीघ्र नियुक्ति की जाय, प्लस टू शिक्षकों को 12 वर्ष की सेवा के उपरांत देय वरीय वेतनमान का भुगतान किया जाय तथा प्लस टू शिक्षकों को राज्य शिक्षा सेवा संवर्ग में सीमित भर्ती के जरिए प्रोन्नति दी जाय।
प्रांतीय अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर ने बयान जारी करते हुए कहा है कि, प्लस टू शिक्षा व्यवस्था सरकार की नीतिगत निष्क्रियता का शिकार बनी हुई है। प्राचार्य पद का सृजन न होना और शिक्षकों का वेतनमान कम करना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को ध्वस्त करने वाला कदम है। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार उत्कृष्ट विद्यालयों का दावा करती है, दूसरी ओर बिना प्राचार्य के स्कूल चलाती है।
यह विरोधाभास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि सरकार यह काला निर्णय वापस नहीं लेती, तो संघ आंदोलन के लिए तैयार है। बैठक में संघ के प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों सहित सभी जिलाध्यक्ष, जिला सचिव एवं जिला कार्यकारणी सदस्यगण शामिल थे।
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