बिहार विधानसभा में उठी आंगनबाड़ी सेविकाओं के अधिकार की आवाज

आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के संघर्ष के साथ ऐपवा व् माले-बंदना सिंह

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। बिहार में आंगनबाड़ी सेविका एवं सहायिका को राज्यकर्मी का दर्जा देने एवं 25 हजार रूपये मानदेय देने की मांग बीते 7 नवंबर को बिहार विधानसभा में भाकपा माले विधायकों ने सरकार से की।

बिहार विधानसभा में भाकपा माले विधायक दल के उपनेता कॉमरेड सत्यदेव राम, माले विधायक डॉ अजित कुमार कुशवाहा आदि ने बिहार विधानसभा में सेविका एवं सहायिका के पक्ष में आवाज बुलंद की है। दोनों माले विधायकों ने आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका को राज्यकर्मी का दर्जा देने एवं 25 एवं 18 हजार रूपये मानदेय देने आदि को लेकर जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उनकी मांग को मानकर हड़ताल तोड़ने का सवाल उठाया।

इस आशय की जानकारी देते हुए बिहार राज्य आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन से जुड़ी महिला संगठन ऐपवा के समस्तीपुर जिलाध्यक्ष सह भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य बंदना सिंह ने 8 नवंबर को कहा कि बिहार में सेविका- सहायिका को अन्य राज्यों की तुलना में बहुत ही कम मानदेय मिलता है, जबकि सरकार आंगनबाड़ी केंद्र के अलावे भी उनसे कई काम लेती है।

उन्होंने कहा कि भाकपा माले विधायको द्वारा विधानसभा में सवाल उठाने से आंगनबाड़ी हड़ताल आंदोलन मजबूत हुआ है। कहा कि उनकी मांग जायज है और सरकार इसे पूरा कर हड़ताल तोड़वाएं अन्यथा महिला संगठन ऐपवा भी उनके आंदोलन में शरीक होकर सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करेगी।

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